– साइबर पुलिस ने 1684 शिकायतों का किया निस्तारण
तहलका जज्बा / लोकेश गुप्ता
फरीदाबाद। साइबर पुलिस ने 11 से 17 जनवरी तक साइबर अपराध के 13 मुकदमों को सुलझाते हुए 27 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। उसके पास से छह लाख 32 हजार 200 रुपये भी बरामद किए हैं। इसके साथ ही 1684 शिकायतों का निस्तारण करते हुए 18 लाख 76 हजार दो से रुपये भी बरामद किये। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त सत्येंद्र कुमार गुप्ता के दिशा निर्देश व पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध उषा के मार्गदर्शन में की गई। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साइबर थाना एनआईटी के पांच, साइबर थाना सेंट्रल के चार और साइबर थाना बल्लभगढ़ के चार मामले शामिल हैं।
यह आरोपी हुए गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपी में अमित तुली वासी बेगमपुर दिल्ली, नवनीत कौशिक वासी उत्तम नगर दिल्ली, आशीष शर्मा वासी जगतपुरी दिल्ली, महावीर कारवाल वासी जयपुर राजस्थान, कल्याण वासी गांव बावला मध्यप्रदेश, मोहम्मद साहिल वासी अमेठी उत्तर पदेश, गौरव वर्मा वास शिव कॉलोनी मोहनपुर ग्वालियर मध्य प्रदेश, हिमांशु मिश्रा वासी गांव लालीपुर जिला अमेठी उत्तर प्रदेश, विजय प्रताप सिंह वासी गांव मोहकम जिला रायबरेली उत्तर प्रदेश, राजेश आचार्य वासी चित्तौड़गढ़ राजस्थान, संजीव कुमार वासी अहमदाबाद गुजरात, अंजनी कुमार वासी अहमदाबाद गुजरात, संदेश वासी कापसहेड़ा नई दिल्ली, सुभाष सिंह वासी प्रयागराज उत्तर प्रदेश, उत्कर्ष द्विवेदी बासी प्रयागराज उत्तर प्रदेश, अतुल कुमार वासी प्रयागराज उत्तर प्रदेश, हर्षवर्धन सिंह वासी इंदौर मध्य प्रदेश, मनीष कुमार शर्मा वासी भरतपुर राजस्थान, सोना सिंह उर्फ सनू वासी अलवर राजस्थान, गौरव तिवारी उर्फ रवि वासी गांव हिनौती मध्यपदेश, मनीष रतन शर्मा वासी जयपुर राजस्थान, तेजवीर शर्मा उर्फ छोटू शर्मा वास जयपुर राजस्थान के नाम शामिल हैं। जिन्होंने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह साइबर ठगी के लिए लोगों को विभिन्न प्रकार से लालच देते हैं। टास्क, इन्वेस्टमेंट, कस्टमर केयर कर्मचारी बनकर, लोन, अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करके रुपये खाते में ट्रांसफर करवा लेते हैं।

जागरूक बने, सुरक्षित रहें
पुलिस प्रवक्ता ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा है कि साइबर फ्रॉड के मामले में पाया गया है कि साइबर फ्रॉड का कारण लोगों के द्वारा लालच दिखाना, भयभीत होना व जागरूक न होना है। साइबर ठग कम समय में पैसे कमाने का लालच देकर शेयर मार्केट में निवेश कराना, लक्की ड्रा या लॉटरी निकलना, खाते में पैसे जमा होने बारे लिंक भेजकर गुमराह करना इत्यादि के माध्यम से साइबर ठगी करते हैं। इसके अतिरिक्त आजकल डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर साइबर ठगी की जा रही है, जिसमें ठग पुलिस, कस्टम विभाग, आयकर विभाग, सीबीआई इत्यादि सरकारी विभागों के अधिकारी बनकर लोगों को किसी न किसी झूठे मामले में फंसा होने या किसी मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने की सूचना देते हैं और किसी से भी बात न करने और घर पर ही रहने के लिए कहते हैं, फिर वह आपसे पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं, अगर किसी के साथ साइबर ठगी हो जाती है तो तुरंत (अपराध के 6 घंटे के अंदर) में 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें तथा ऑनलाइन भी वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं साथ ही संबंधित साइबर थाना में लिखित शिकायत करें। किसी भी कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई भी प्रावधान नहीं है।