Thursday, November 21, 2024
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पहले वीकेंड पर गुलजार हुआ सूरजकुंड मेला, सैलानी उठा रहे दूसरे राज्‍यों के जायके का लुफ्त

हिंदुस्तान तहलका जज्बा / दीपा राणा
फरीदाबाद। 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में के पहले वीकेंड पर रविवार को लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मेला देखने के लिए दिल्ली एनसीआर से  काफी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे। मेला परिसर इन दिनों देसी और विदेशी पर्यटकों से भरा है। हालांकि सुबह बूंदाबांदी भी हुई। इस सबके बावजूद मेले में पर्यटकों का जोश काम नहीं हुआ।  रविवार का दिन पिछले दिनों पर भारी रहा। आज सुबह बूंदाबांदी के बावजूद लोगों की प्लानिंग नहीं बदली और वे मेले की तरफ उमड़ पड़े। मेला प्रबंधन की ओर से भी मौसम को देखते हुए सभी पुख्ता प्रबंध किए गए थे। छोटी-बड़ी दोनों चौपालों पर दिनभर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। यहां पर दुनिया भर की विभिन्न सांस्कृतिक धाराओं का संगम देखने को मिला। छुट्टी का दिन होने के कारण विशेषकर स्कूली बच्चों के लिए आज का संडे फन-डे के रूप तब्दील हो गया। मेला परिसर में पर्यटक जहां एक ओर विभिन्न झूलों का आनंद उठा रहे हैं, वहीं जगह जगह कलाकारों के साथ झूमते नजर आ रहे है। फूड कोर्ट की  स्टालों पर विभिन्न लजीज व्यंजनों का स्वाद भी पर्यटक चख रहे हैं।

वसुधैव कुटुंबकम का सुंदर स्वरूप बन चुका सूरजकुंड मेला दुनिया भर के पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बन गया है। विकास की यात्रा में लगातार आगे बढ़ रहा हरियाणा सूरजकुंड मेले के कारण विश्व के नक्शे पर अमिट छाप अंकित कर चुका है। यहीं कारण है कि हर आम और खास इन ऐतिहासिक पलों का गवाह बनना चाहता है। दिनभर देश-दुनिया के मुख्य मेहमान भी यहां पर आम नागरिकों के बीच रहकर खरीदारी कर रहे हैं। जिला प्रशासन व मेला प्रबंधन की ओर से सुरक्षा से लेकर अन्य सभी तरह के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सभी आगंतुक इन प्रबंधों के कायल हो गए।

ख्यात कलाकारों द्वारा नई-नई प्रस्तुतियों ने मोह लिया सैलानियों का मन।

सूरजकुंड की वादियों में 2 फरवरी से आगामी 18 फरवरी तक हरियाणा सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से लगाए गए 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त शिल्प मेला में हर दिन प्रख्यात कलाकारों द्वारा नई-नई प्रस्तुतियां देकर पर्यटको का मनोरंजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा की कला अधिकारी थिएटर तानिया जीएस चौहान एवं कला अधिकारी नृत्य सुमन डांगी की देखरेख में देश-विदेश के विभिन्न कलाकार अपनी गायन, नृत्य व हास्य कला शैली के माध्यम से छोटी चौपाल पर बैठे पर्यटकों का खूब मनोरंजन कर रहे हैं। छोटी चौपाल के करीब से गुजरने वाले पर्यटक लोक कलाकारों की मनहार प्रस्तुतियों को बेसुध होकर एकटक देखते हुए नजर आ रहे हैं।
छोटी चौपाल पर एक ओर जहां मालावी देश से आए कलाकारों ने अपने देश की संस्कृति को नृत्य के माध्यम से दर्शाया। वहीं दूसरी ओर गुजरात प्रांत से आए कलाकारों ने डांडिया व मनिहारो रास के साथ-साथ टिपनी नृत्य की शानदान पेशकश से पर्यटकों का मन मोहा। हास्य कलाकार डा. राजीव ने अपनी हास्य कला से पर्यटकों को हसांकर लोटपोट कर दिया। हरियाणा की भगवती गु्रप महिला लोकगीत मंडली ने सुंदर नृत्य कला का प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त सिंगर सुखदास व हरेंद्र सिंह की अगुवाई में पंजाब पुलिस बैंड ने पंजाबी फोक बैंड की भव्य प्रस्तुति दी। सुखदास ने पंजीबी गीत, शालू श्रीवास्तव ने कत्थक नृत्य और आंध्राप्रदेश के कलाकारों ने गोलगू नृत्य की आउटस्टेंडिंग प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों को थिरकने पर विवश कर दिया। छोटी चौपाल पर हो रही मनमोहक प्रस्तुतियों के दौरान इंदू कपूर व राज आर्य ने कौशलपूर्वक मंच संचालन किया।

सरदार वल्लभभाई पटेल स्टैच्यू के साथ सेल्फी लेते नजर आए पर्यटक।

37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्त-शिल्प मेले में हमारी भावी पीढ़ी सरदार वल्लभभाई पटेल के देश के लिए किए गए योगदान को जान सकें, इसके लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। थीम स्टेट गुजरात की ओर से बड़ी चौपाल के पीछे व आपणा घर हरियाणा पैविलियन के नजदीक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की रैप्लिका स्थापित की गई है। मेले में आने वाले पर्यटक दिनभर इसके साथ सेल्फी लेना नहीं भूल रहे। साथ ही बच्चे सरदार वल्लभ भाई पटेल के इतिहास को भी जान रहे हैं। यहां पर एकता की प्रतीक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की रैप्लिका आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सैलानियों का कहना है कि गुजरात जाने का पता नहीं कब समय लगे। ऐसे में एकता की प्रतीक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की रैप्लिका के साथ फोटो खिंचवाने का मौका नहीं चूकना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को भी भारत देश को अखंड बनाने के लिए किए गए पटेल के योगदान की जानकारी मिल रही है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात राज्य में केवडिया के पास स्थित है। यह 182 मीटर की विशाल ऊंचाई पर साधू बेट द्वीप पर खड़ी है। यह भारत में सरदार वल्लभभाई पटेल की महान विरासत को प्रदर्शित कर रही है। मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा तैयार यह प्रोजेक्ट 2018 में जनता के लिए खुला था। वास्तुकला का यह अद्भुत कार्य एकता और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। इसी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की रैप्लिका को यहां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में लगाया गया है।

पर्यटकों को खूब लुभा रहे स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद।

सूरजकुंड हस्त शिल्प मेला में सरस आजीविका पविलियन में सजे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार विभिन्न उत्पाद मेला देखने आ रहे पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। इस बार मेले में सभी हस्त शिल्पकार, कुशल कारीगर और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बढ़चढ़ कर भाग ले रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब विशेषकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में संकल्पबद्ध है। सरकार का वोकल फॉर लोकल के सिद्धांत को बढ़ावा देने का सपना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से साकार हो रहा है। आज महिलाएं वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने को साकार करने के लिए इन समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं। मेला में हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह अपने-अपने उत्पादों के साथ स्टॉलों पर मौजूद हैं। हरियाणा राज्य की बात की जाए तो स्टॉल नंबर-221 से लेकर 224 तक लगी स्टॉलों पर समूहों द्वारा उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। पर्यटक इन स्टॉलों पर प्रत्येक वस्तु की सुगमता के साथ खरीदारी कर रहे हैं।
इस बार मेला में स्वयं सहायता समूहों द्वारा अनेक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनपर पापड़, आचार, भुजिया, दरी, चद्दरें सहित अन्य उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। यही कारण है कि आज सरकार द्वारा शुरू किए गए ग्रामीण आजीविका मिशन का दायरा बढक़र हरियाणा राज्य के सभी जिलों के अंतर्गत आने वाले ब्लॉकों तक पहुंच गया है। सक्रिय रूप से  महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने में मिशन कारगर साबित हो रहा है।

चित्रकला की कनिष्ठ वर्ग में गायत्री शर्मा व वरिष्ठ वर्ग मुकाबले में जिविशा अव्वल।

37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्त शिल्प मेला परिसर में अपने हुनर को निखारने के लिए विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों की भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं प्रतिदिन आयोजित करवाई जा रही हैं। इसी क्रम में मेले में रविवार को विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों की चित्रकला व क्ले प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गईं। चित्रकला की कनिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिता में 369 विद्यार्थियों तथा वरिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिता में कुल 323 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कनिष्ठ वर्ग की क्ले प्रतियोगिता में 56 और वरिष्ठ वर्ग की क्ले प्रतियोगिता में कुल 18 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कनिष्ठ वर्ग की चित्रकला प्रतियोगिता में एवीएन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की गायत्री शर्मा ने प्रथम, सैंट जॉन स्कूल फरीदाबाद के अनुज प्रजापति ने द्वितीय तथा होली चाइल्ड पब्लिक फरीदाबाद की गनिका चौहान ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। इसी प्रकार वरिष्ठ वर्ग की चित्रकला प्रतियोगिता में डीएवी पब्लिक स्कूल की जिविशा ने प्रथम, सैंट ल्यूक हाई स्कूल की प्रिया ने द्वितीय तथा मदर टैरेसा पब्लिक स्कूल की शिखा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं कनिष्ठ वर्ग की क्ले प्रतियोगिता में सेंट जॉन्स पब्लिक स्कूल फरीदाबाद कृतिका ने प्रथम, एवीएन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फरीदाबाद की अराध्या ने द्वितीय तथा रावल बीएसके स्कूल फरीदाबाद की अनुष्का ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। इसी क्रम में वरिष्ठ वर्ग की क्ले प्रतियोगिता में मुरारी लाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फरीदाबाद के मोहित कुशवाहा, तरूण व आकांक्षा ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे।

टोगो देश के कलाकारों ने गोमा-गोमा गामरा-गामरा गीत की प्रस्तुति से बांधा समां।

मेले में स्थापित बड़ी चौपाल पर रविवार को देश व विदेश से आए कलाकारों ने अपने-अपने देश की कला एवं संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। कलाकारों की मनोहारी प्रस्तुति से दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। देश-विदेश के कलाकारों की एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियों ने पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रमों की श्रृंखला में टोगो देश से आए कलाकारों ने काजो डांस, गोमा-गोमा गामरा-गामरा गीत प्रस्तुत किया। किर्गिस्तान देश के आरुक्य ग्रुप के कलाकारों ने चायमांका, विनयारा जैमिनी, मनकिया गीत की मनमोहक प्रस्तुति देकर पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। तंजानिया देश के कलाकारों ने जनजीवा नृत्य प्रस्तुत किया। इथोपिया व इस्टोनिया के कलाकारों ने लेईगेरिड तथा भूटान के कलाकारों ने एडिशनल जेंट्स गीत पर नृत्य पेश करके चौपाल पर बैठे सभी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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