- धरना दे कर किया सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह
- मोहम्मद यूनुस से शांति का नोबेल पुरस्कार वापस लेने की मांग
तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे भीषण हमले एवं अमानवीय अत्याचार के विरोध ने बुधवार को विकास बाजार में आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन में सर्व हिंदू समाज ने एक स्वर से बांग्लादेश सरकार की कड़ी निंदा करते हुए हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने एवं हमला करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की। वक्ताओं ने भारत सरकार से भी हस्तक्षेप कर बांग्लादेशी हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करवाने की अपील की। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया।
हिंदू स्वाभिमान मंच के तत्वाधान आयोजित बांग्लादेशी अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हिंसक हमलों और उत्पीड़न को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन में उपस्थित सर्व हिंदू समाज के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ० प्रमोद शर्मा क्षेत्र कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा भारत अगर मदद नहीं करता तो बांग्लादेश का निर्माण नहीं हो सकता था, आज बांग्लादेश को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जो किताबों में पढ़ा था मुगलकालीन दौर वह वहां पर वापिस आ गया है। बांग्लादेश हिंदुओं पर हो रही हिंसा हमारे पूर्वजों पर हुए अत्याचारों की पुनरावृत्ति ही है।
मंत्री एवं समाजसेवी चौ० लक्ष्मी नारायण ने कहा कि इन सब हिंसा का एक ही इलाज है अखंड भारत का निर्माण। आप सभी अखंड भारत के लिए काम करें। उन्होंने बांग्लादेश सरकार को बर्खास्त करने और हिंदुओं को प्रताड़ित करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत में जाति गणना की बात कर हैं उनके डीएनए की जांच होनी चाहिए, जिससे पता चले कि उन सबके पूर्वज कौन हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी हमने और हमारे पूर्वजों ने हिंदू स्वाभिमान रक्षा के लिए बलिदान दिया है। हम हर स्थिति में बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ खड़े हैं।
संत गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि 5 अगस्त के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य बन बैठे मोहम्मद यूनुस भी कट्टरपंथियों के साथ हैं और ये हाल तो तब है जब मोहम्मद यूनुस को शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।अब उनके नेतृत्व में एक समाज के विरुद्ध साजिशन अशांति और हिंसा का खेल खेला जा रहा है।
ऐसे हालातों को देखते हुए तो नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली समिति भी संदेह के घेरे में आती है कि इनका पुरस्कार वितरण भी निरपेक्ष न होकर कहीं किसी संगठन, साजिश या विचारधारा से प्रेरित तो नहीं है। उन्होंने शांति पुरस्कार वापस लेने की मांग की। सिंधी समाज के गुरुमुख दास ने कहा कि अगर भारत सरकार हिन्दू हित को ध्यान में रखते हुए बांग्लादेश में बाहरी हस्तक्षेप करती है तो वह उचित माना जाएगा।
गौराचार्य ने कहा कि बांग्लादेश में हमें जो सबक मिला है। हिंदुओं को एकजुट होने की आवश्यकता है। डॉ० लोकपाल बौद्ध विहार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ गलत हो रहा है। उन्होंने शांति बनाने की अपील की। अमर बिहारी पाठक ने कहा हम हिंदू बट रहे है। हमें एक होना जरूरी है। राधाकृष्ण दास महाराज इस्कॉन मंदिर ने कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है वह बहुत ही दुःखद है। हिन्दुओं अत्याचार हो रहा है और संतो को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने भारत से हस्तक्षेप करने की मांग की। राजपूत सभा भरतपुर अध्यक्ष महाराज सिंह ने कहा कि आज हम चूंकि बंट गए हैं इसलिए ऐसे मानवीय कृत्य हम सबके साथ हो जा रहे हैं। संत अनन्तवीर्य दास महाराज ने कहा बांग्लादेश में हिंदू बहुत ही जटिल परिस्थिति में रहते हैं। हिंदू धर्म की सहनशीलता को लोग उसको कायरता न समझे, सिर्फ केवल भारत देश के हिंदू ही नहीं समस्त विश्व के हिंदू इस हिंसा का विरोध करेगा।
धरने को ब्रह्मकुमारी आश्रम की ममता दीदी, चतुर्नारायण पाराशर, क्षत्रिय महासभा के अटल, द्वाराचार्य महाराज, अमर बिहारी पाठक, कृष्णी नागेंद्र महाराज, झाड़ीश्वर धाम के वन विहार महाराज, सद्गृहस्थ सेवा संस्थान के चमन बिहारी, सत्संग प्रमुख गिर्राज किशोर, भक्तिवेदांत गुरुकुल के अभय चरणारविन्द महाराज, नित्यानंद, बैजनाथ बाबा, के०के० सिंह, छात्र नीता नीति शर्मा, व्यापारी नेता योगेंद्र चतुर्वेदी, हिंदू जागरण मंच समेत अनेक धर्माचार्य, संत एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रमुखों ने संबोधित किया।
दोपहर 12 बजे से शुरू हुए विशाल धरना प्रदर्शन का समापन अपराह्न 2 बजे धरना स्थल पर जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह द्वारा मंचासीन संतो, समाजसेवियों से ज्ञापन लेने के बाद समाप्त हुआ। जिलाधिकारी के साथ एसएसपी शैलेश कुमार पाण्डेय भी ज्ञापन स्थल पर रहे।
इस अवसर पर विधायक पूरन प्रकाश, विधायक राजेश चौधरी, सविता समाज कल्याण उत्थान समिति, वाल्मीकि समाज कल्याण परिषद, अग्रवाल सभा, रामलीला सभा, श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति, मोक्ष धाम संचालन समिति, शमशान घाट संचालन समिति, प्रजापति विकास समिति, ब्रह्म कुमारी, जाटव समाज विकास समिति, चतुर्वेदी महासभा, गुर्जर सभा, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, सर्राफा व्यवसाय समिति, इंडस्ट्रियल उद्योग समिति, सिख समाज, बंगाली समाज, पंजाबी, सिंधी समाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, समाजसेवी और विभिन्न सामाजिक, हिंदू स्वाभिमान मंच के सह संयोजक योगेश आवा, धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं हजारों की संख्या में उपस्थित रहे।
संचालन राजीव गुप्ता ने किया।
धरना में हिंदू समाज के लोग हमारी आवाज बांग्लादेश सुने, सेव बांग्लादेशी हिंदू और पीस नोट वार आदि के नारे लिखी पट्टिका हाथों में थामे हुए थे। धरने में उपस्थित युवा और छात्र हिंदू एकता के गगनभेदी नारे लगाते रहे।