-मांगों का समाधान नहीं तो होगा बड़ा प्रदर्शन: भोपाल सिंह
तहलका जज्बा / दीपा राणा
फरीदाबाद। नाजायज चालानों व एनसीआर का परमिट न देने का आक्रोशित ऑटो रिक्शा ड्राइवरों ने बदरपुर बॉर्डर से डीसी आफिस तक आक्रोश प्रदर्शन किया। जिसमें हजारों की संख्या में ड्राइवर ने ऑटो रिक्शा सहित भाग लिया। ऑटो रिक्शा ड्राइवरों ने डीसी विक्रम सिंह से मुलाकात की और सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। डीसी ने आश्वासन दिया कि शीघ्र अतिशीघ्र आरटीओ से यूनियन के नेताओं की बातचीत होगी और सभी जायज मांगों का प्रशासन समाधान करेगा। यूनियन के प्रधान भोपाल सिंह ने कहा कि अगर एक महीने के अंदर नाजायज चालानों पर रोक नहीं लगाई गई और एनसीआर के परमिट देने सहित अन्य मांगों का समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन का आह्वान फरीदाबाद ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन (सीटू) के आह्वान पर किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के प्रधान भोपाल सिंह,महासचिव घनश्याम व एडवाइज केपी सिंह ने किया। प्रदर्शन को ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लाम्बा, सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान, जिला प्रधान निरंतर पराशर, सचिव वीरेंद्र डंगवाल ने प्रमुख रूप से संबोधित किया। संगठन नेताओं ने कहा कि जिला में 40 हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा चल रहे हैं। इनको चलाने वाले ड्राइवरों के हालत बहुत खराब हैं। सरकार व प्रशासन इन की कोई सुध लेने की बजाय इनका रोजगार छीनने पर आमादा है। हर रोज हजारों रुपए के नाजायज चालान किए जा रहे हैं। ऑटो स्टेंड नहीं हैं, न ही कोई सुविधा। केंद्र सरकार ने ड्राइवरों के लिए काला कानून बनाकर 7 रुपए जुर्माने ओर 10 साल की सजा का प्रावधान किया है। संगठन नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार को ड्राइवरों की सुध लेकर केरल की तर्ज पर सामाजिक सुरक्षा कानून बनाया जाना चाहिए। सरकार बिना ब्याज के सरकारी बैंकों से ऑटो लेने के लिए पैसा मिलना चाहिए। प्रदर्शन को यूनियन नेताओं जसवंत सिंह, मुकेश भड़ाना, के पी सिंह, हंसराज भाटी, गणेश भाटी, जयवीर बैंसला, राजेंद्र ठाकुर आदि ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम पुलिस और जिला प्रशासन से तंग आए हुए हैं। हमारे ऊपर चालान की तलवार लटकी रहती है। एनसीआर में ऑटो ले जाने की इजाजत नहीं। आरटीओ विभाग क्यों नहीं हमें ऑटो ले जाने की अनुमति दे रहा।
ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन की प्रमुख मांग
-ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के लिए सभी केंद्रों पर ऑटो स्टैंड बने।
-ऑटो स्टैंड पर लेबर शेड बने, बाथरूम, विश्राम गृह की हो सुविधा।
-ऑटो चालकों के चालान काटने व पुलिस द्वारा नाजायज तंग पर प्रतिबंध लगे।
-ऑटो चालकों के कमर्शियल लाइसेंस हेतु अलग से विंडो हो।
-ऑटो चालकों को पूरे एनसीआर में ऑटो ले जाने की लिए आरटीओ परमिट दिया जाए।
-ऑटो रिक्शा खरीदने के लिए सार्वजनिक बैंकों से लोन की सुविधा मिले।
-ऑटो चालकों के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड बने
-दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में ड्राइवर के आश्रितों को 20 लाख व अपंगता में 10 लाख मुआवजा मिले
-60 साल की उम्र के बाद 10 हजार मासिक पेंशन तय हो।
-ऑटो चालकों के लिए ईएसआई, पीएफ की व्यवस्था हो।
-ऑटो चालकों के लिए 10 साल सजा व 7 लाख जुर्माने के प्रावधान रद्द हो।