- -शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा डीएम को 7 सूत्रीय ज्ञापन
तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले गुरुवार को शिक्षामित्रों ने मथुरा में धरना प्रदर्शन किया। शिक्षा मित्र स्थाईकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। दिन भर धरना देने के बाद शाम को शिक्षा मित्र कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां मुख्यमंत्री के नाम 7 सूत्रीय मांगों को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा।
एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के बैनर तले धरने पर बैठे शिक्षामित्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
धरना पर बैठे शिक्षामित्रों का कहना था कि वह बीटीसी हैं, 23 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है वह भी वर्ष में केवल 11 महीने। इस राशि में परिवार का पालन पोषण नहीं हो पाता। जिससे तनाव में आकर शिक्षामित्र आत्महत्या कैसे कदम उठाते हैं। संघ के जिलाध्यक्ष खेम सिंह चौधरी ने बताया कि प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा के निर्देशन में निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी 14 नवंबर 2023 को बनाई गई। इस कमेटी ने कई मीटिंग करने के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। लेकिन इसके बाद चुनाव आचार संहिता लग गई और प्रक्रिया रुक गई।
नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को किया जाए शामिल
प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्र बनी सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम डीएम को 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को शामिल कर स्थायीकरण करते हुए नियमित वेतनमान दिया जाए। वर्तमान में महंगाई को देखते हुए नियमितीकरण होने तक अन्य राज्यों की भांति शिक्षामित्रों को वेतन मानदेय दिया जाय। मूल विद्यालय से वंचित शिक्षा मित्रों को पुनः मूल विद्यालय में समायोजित किया जाए। शिक्षामित्रों ने कहा कि महिला शिक्षामित्रों को विवाह के बाद उनकी ससुराल के विद्यालय में नौकरी दी जाए। शिक्षामित्रों को ईपीएफ योजना में शामिल किया जाए। मेडिकल सुविधा के लिए शिक्षामित्रों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएं। इसके अलावा मृतक शिक्षा मित्रों के परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को उस पद पर समायोजित किया जाए।