तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर का केस लड़ रहे हैं दिनेश शर्मा फलाहारी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दलील दी है कि सभी 18 मुकदमों को सुनवाई योग्य मान लिया है, हाई कोर्ट ने वर्ष 1991 को प्रभावी नहीं माना है, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह सभी मुकदमे सुनने योग्य नहीं है,इनको खारिज किया जाए, जबकि हिंदू पक्ष की की मांग है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा लगातार 4 महीने बहस सुनने के बाद में यह ऐतिहासिक निर्णय दिया है इसको मुस्लिम पक्ष को भी मानना चाहिए, दिनेश शर्मा फलाहारी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास में कोई भी प्राचीन साक्ष्य नहीं है। जिसको वह न्यायालय दिखा सके,जबकि हिंदू पक्ष ने सभी प्राचीन साक्ष्यों की कॉपी न्यायालय में जमा कर दी है, दिनेश शर्मा ने कहा कि हिंदू पक्ष के पास में जितने भी प्राचीन साक्ष्य थे,जैसे खसरा खतौनी की नकल,पुरानी खेवट की नकल,नगर निगम का असेसमेंट, रेलवे का मुआवजा, बिजली का बिल,पानी का बिल,जमीन की रजिस्ट्री की फोटोकॉपी आदि सभी न्यायालय में जमा कर दी है।
न्यायालय ने लगातार वरशिप एक्ट 1991,वक्फ बोर्ड एक्ट और लिमिटेशन एक्ट पर दोनों पक्षों को सुना, सुनने के बाद में ऐतिहासिक निर्णय दिया था कि यह सभी मुकदमे सुनवाई योग्य हैं, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष पर कोई भी साक्ष्य नहीं है। जिससे वह यह साबित कर सके कि यहां मस्जिद पहले बनी थी, वह केवल मामले को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष चाहता है कि मामला लंबा खिंचे। जिसके लिए मुस्लिम इस केस को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की तरफ से अधिवक्ताओं ने बहस की। इस मौके पर राष्ट्रीय संरक्षक वेद प्रकाश कटियार रिटायर्ड कमिश्नर,राष्ट्रीय मंत्री डॉ.जमुना देवी शर्मा, महानगर अध्यक्ष नरेश ठाकुर, प्रदेश महामंत्री राजेश चतुर्वेदी, प्रदेश मंत्री मीना गुप्ता, जिला अध्यक्ष गुंजन शर्मा, राहुल गौतम, विश्व हिंदू परिषद के नेता जयराम शर्मा, जिला मंत्री किशोरी लाल क्रांति ब्रज मंडल महामंत्री दिव्य शक्ति अखाड़ा राजेश पाठक, हरिओम वर्मा, ठाकुर सूरजमल, उर्फ चंद्रपाल आदि मौजूद रहे।