– शिक्षा विद्यार्थियों का आभूषण है, यह जीने की कला सिखाती है: कृष्णपाल
तहलका जज्बा / लोकेश गुप्ता
फरीदाबाद। सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल का वार्षिक उत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि गण मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, विधायक धनेश अदलखा, विधायक सतीश फागना, कुलदीप सिंह डीसीपी एनआईटी, संजय कुंडू पूर्व डीजीपी हिमाचल प्रदेश, महेश कुमार (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज गुरुग्राम), मुकेश शर्मा (मेंबर जिला कंज्यूमर मेंबर डिस्प्यूट कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन फरीदाबाद) का पुष्पगुच्छ ,प्लांटर,शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथियों एवं अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए विद्यालय के चेयरमैन डी .पी. भड़ाना ने कहा कि लक्ष्य तय करके ही विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। जिसका लक्ष्य निर्धारित नहीं होता उसे मंजिल नहीं मिलती है। इसलिए लक्ष्य के साथ कठिन परिश्रम कर पढ़ाई की जाए तो सफलता स्वत: ही मिल जाती है।
विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांध दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में चक दे इंडिया, कोली मराठी नृत्य, पंजाबी, गुजराती, वेस्टर्न डांस, आज फट्टे चक दे पर बच्चों ने बेहतरीन डांस प्रस्तुत कर लोगों की खूब तालियां बटोरी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने वास्तविक घोड़े पर चढक़र शानदार नृत्य प्रदर्शन किया। मिशन मंगल व सलाम इसरो आदि नृत्य के माध्यम से आधुनिक भारत की उपलब्धियों को दर्शाया गया। कार्यक्रम की थीम युगांतर को दिखाते हुए बच्चों ने विभिन्न नृत्य व नाटिकाओं के द्वारा विकसित भारत को दर्शाया। मंच का संचालन कक्षा 12वीं की छात्राओं टीया भड़ाना, यशस्वी जैन कक्षा ग्यारहवीं के छात्र नमन अरोड़ा, रजत कांगड़ा व आयुष आनंद के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि शिक्षा विद्यार्थियों का आभूषण है। यह विद्यार्थियों को जीवन जीने की कला सिखाती है व उसके सर्वांगीण विकास की धूरी है। उन्होंने शिक्षकों से विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, देशप्रेम व सेवा भावना की शिक्षा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय ऐसा स्थान है जहां भावी भारत का निर्माण होता है। यहीं से बच्चे आगे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भारत को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ बच्चे को अच्छे संस्कार भी देने चाहिए। संजय कुंडू पूर्व डीजीपी हिमाचल प्रदेश ने बताया कि बच्चों को समय का सदुपयोग करना चाहिए । किताबी शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए जिससे बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके। जो बच्चे आगे नहीं आ पाते शिक्षक को उन बच्चों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। विद्यालय के मुख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भडाना ने सभी अतिथियों एवं अभिभावकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अच्छी शिक्षा एवं संस्कार ही जीवन को एक नया रूप देते हैं ।समाज को शिक्षित एवं संस्कारित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि परिवारों के बढऩे के साथ-साथ उनकी युवा पीढ़ी को संस्कारीत एवं सकारात्मक मार्गदर्शन की आवश्यकता है। सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल निदेशक सतेंद्र भड़ाना एवं प्रधानाचार्या शुभ्रता सिंह ने सभी अतिथियों व अभिभावकों का अभिनंदन किया। प्रधानाचार्या ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।