– कचरे से बिजली उत्पादन की घोषणा कर फिर जनता को गुमराह कर रही है प्रदेश व केंद्र सरकार
नितिन गुप्ता, मुख्य संपादक
तहलका जज्बा / चंडीगढ़। सिरसा की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में कचरा प्रबंधन योजना पूरी तरह से धराशाही हो चुकी है, पहले से स्थापित कचरा प्रबंधन प्लांट बंदी के कगार पर है, वहां पर कूड़े के पहाड़ बने हुए, न तो वहां पर खाद का निर्माण हो पाया और न ही कचरे से बिजली का उत्पादन हो पाया है। अब भाजपा सरकार फिर से कचरे से बिजली पैदा करने की घोषणा कर जनता के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। भाजपा सरकार चाहे प्रदेश की हो या केंद्र की इसे झूठी घोषणाएं कर जनता को गुमराह करना अच्छी तरह से आता है। सबसे पहले सरकार को कचरा प्रबंधन की दिशा में ठोस और कारगर कदम उठाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सिरसा के गांव बकरियांवाली में कचरा प्रबंधन प्लांट की स्थापना 2006 में की गई थी, इस प्लांट पर 14 वर्षों से डंप सैकड़ों हजार टन कचरा आज भी पड़ा हुआ है। वर्ष 2006 से कचरा प्लांट पर कचरा निस्तारण के लिए मशीन लगाई है और कूड़े से खाद बनाई जाती है। आज यह प्लांट खुद एक कचरा बनकर रह गया है। इसी प्रकार का कचरा प्रबंधन प्लांट अंबाला में भी लगाया गया था। जहां पर न तो खाद बनाई गई और न ही बिजली का उत्पादन शुरू हुआ क्योंकि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही वादा किया था कि कचरे से बिजली बनाई जाएगी। कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि हरियाणा में कचरे से बिजली बनाई जाएगी और इस कार्य की शुरुआत गुरुग्राम-फरीदाबाद से की जाएगी जहां पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगेंगे।
सिरसा और अंबाला में कचरा निस्तारण जरूरी
कुमारी सैलजा ने कहा कि अंबाला और सिरसा में वायु सेना केंद्र है जहां से प्रतिदिन लड़ाकू विमान अभ्यास के लिए उड़ान भरते है। कचरे से पक्षी आकर्षित होते है ऐसे में उड़ान के दौरान हादसे का खतरा रहता है। इसी को लेकर कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए गए थे, ऐसे में इन स्थानों पर कचरे का निस्तारण बेहद जरूरी है। कुमारी सैलजा ने कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कचरे से बुरा हॉल है, वहां के जनप्रतिनिधि तक खुद इस अव्यवस्था को लेकर आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को वो ही घोषणाएं करनी चाहिए जिन्हें वे पूरा कर सके, जनता को गुमराह करने के लिए कोई घोषणा नहीं की जानी चाहिए।