तहलका जज्बा / दीपा राणा
फरीदाबाद। जेसी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के ऊर्जा अध्ययन केंद्र द्वारा ‘ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों के लिए कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण अपशिष्ट से स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा’ विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान को आईआईटी दिल्ली के प्रो. एस.के. त्यागी ने संबोधित किया।
कुलपति प्रो. एस.के. तोमर की अध्यक्षता में आयोजित व्याख्यान सत्र का संचालन ऊर्जा अध्ययन केंद्र की अध्यक्ष प्रो. नीलम तुर्क द्वारा किया गया। सत्र की शुरुआत प्रो. तोमर के संबोधन से हुई, जिन्होंने स्थायी ऊर्जा में बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रदूषण से होने वाले पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रभावों का उल्लेख करते हुए पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की आवश्यकता पर बल दिया।
अपने संबोधन में प्रो. एस.के. त्यागी ने ग्रामीण क्षेत्रों में पराली जलाने और इसके पर्यावरणीय प्रभावों का उल्लेख करते हुए ग्रामीण प्रदूषण और चारकोल जलाने जैसी प्रथाओं के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों पर चर्चा की। वैश्विक परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए प्रो. त्यागी ने प्रोफेसर माइकल ग्रीनस्टोन के एक अध्ययन का हवाला देते हुए चैंकाने वाले आँकड़े भी साझा किए, जोकि दर्शाता है कि किस तरत से दिल्ली में होने वाले लोग प्रदूषण के कारण औसतन 11.9 वर्ष की जीवन प्रत्याशा खो रहे हैं। उन्होंने आईआईटी दिल्ली द्वारा डिजाइन किए गए कुकस्टोव जैसे नवाचारों को भी प्रस्तुत किया, जो न्यूनतम उत्सर्जन का उत्पादन करने के लिए बायोमास छर्रों का उपयोग करता है, जो पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों का एक स्थायी विकल्प प्रदान करते है। चर्चा में बताया गया किया कि कैसे कृषि-अपशिष्ट को मूल्यवान ऊर्जा में बदला जा सकता है, जिससे प्रदूषण को कम करते हुए ग्रामीण परिवारों को लाभ हो सकता है।
इस अवसर पर डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. मुनीश वशिष्ठ, डीन, अध्यक्ष और विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य उपस्थित थे। संकाय समन्वयक डॉ. राजेश अत्री, डॉ. साक्षी कालरा, डॉ. सोनम खेरा, डॉ. नीतू गुप्ता और डॉ. सचिन शोरन सत्र के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जेसी बोस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने फील्ड में जाकर की फोटोग्राफी एवं वीडियो ग्राफी
– टाउन पार्क, बड़खल, परसोन मंदिर, सूरजकुंड, सिद्धदाता आश्रम मंदिर के किए दर्शन
– प्राकृतिक सौंदर्य एवं ऐतिहासिक धरोहर की प्रतिकृति को कैमरे में कैद किया
– विंटर इंटर्नशिप में फील्ड वर्क का हिस्सा था यह शैक्षणिक भ्रमण
फरीदाबाद। जेसी बोस विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के विद्यार्थियों ने फील्ड में जाकर फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की। विंटर इंटर्नशिप में फील्ड वर्क के उद्देश्य से शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों ने सेक्टर- 12 टाउन पार्क, बड़खल झील, परसोन मंदिर, सूरजकुंड मेला परिसर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर- सिद्धदाता आश्रम मंदिर के दर्शन भी किए। इस दौरान भ्रमण दल में शामिल 35 विद्यार्थियों ने वरिष्ठ प्रशिक्षक दुष्यंत त्यागी और प्रोडक्शन सहायक पंकज सैनी एवं अंजू सिंह के नेतृत्व में फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की। विद्यार्थियों ने भ्रमण के दौरान वहां के प्राकृतिक सौंदर्य, झील, कुंड, झरने, झंडे, मंदिर एवं ऐतिहासिक धरोहर की प्रतिकृति को कैमरे में कैद किया
=टाउन पार्क : जहाँ, स्वच्छता, हरियाली और शांत वातावरण में लहराते विशाल तिरंगे की तस्वीरें ली गईं।
=बड़खल झील : ऐतिहासिक झील के जीर्णोद्धार संबंधित स्थल, जल स्रोत एवं प्राकृतिक दृश्यों को फ्रेम किया।
=परसोन मंदिर: सिद्ध पाराशर ऋषि की तपोभूमि एवं धार्मिक आस्था की धरोहर के प्रतीक शांत, प्राकृतिक विरासत की फोटो ली।
=सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय मेला परिसर : ऐतिहासिक धरोहर की प्रकृति के अद्भुत कला एवं परंपरा की झलकियों को कैमरे में कैद किया।
=श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर-सिद्धदाता आश्रम मंदिर की दिव्यता और भव्यता के दर्शन किए।
संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के शीतकालीन अवकाश को सार्थक बनाने के उद्देश्य से इंटर्नशिप का आयोजन किया गया। जिसमें बीएजेएमसी, बीएससी वीसीएमटी एवं एमएजेएमसी प्रथम वर्ष में अध्ययनरत 35 विद्यार्थियों ने भाग लिया। एक सप्ताह तक चलने वाली इस इंटर्नशिप में प्रतिभागियों को फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, संपादन, समाचार पाठन, प्रारूप प्रक्रिया एवं अन्य तरीकों की आधारभूत जानकारी देकर उनका अभ्यास कराया गया। डॉ. सिंह ने कहा कि इंटर्नशिप के समापन पर सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट एवं विजेताओं को ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया जाएगा।