Saturday, February 22, 2025
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Homeहरियाणाकेजरीवाल के पानी सम्बंधी बयान पर हरियाणा सरकार का कड़ा रुख

केजरीवाल के पानी सम्बंधी बयान पर हरियाणा सरकार का कड़ा रुख

-केजरीवाल के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अदालत में केस किया दायर: विपुल गोयल
तहलका जज्बा / नितिन गुप्ता
चंडीगढ़। हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि दिल्ली में सप्लाई किए जाने वाले पानी को लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर हरियाणा सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है। हरियाणा सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केजरीवाल के खिलाफ सोनीपत की अदालत में केस दायर कर दिया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने यह जानकारी चण्डीगढ़ स्थित सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।

विपुल गोयल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का बयान बेतुका और भ्रमित करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के घटिया और गैरजिम्मेदारना बयान के लिए चुनाव आयोग भी केजरीवाल के खिलाफ कड़ा संज्ञान लें। उन्होंने कहा कि हरियाणा पर इस प्रकार का आरोप लगाकर केजरीवाल ने घटिया राजनीति की है। हरियाणा सरकार कानूनी कार्रवाई कर रही है।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री पीते है दिल्ली का पानी: विपुल गोयल
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि जो पानी दिल्ली को सप्लाई किया जा रहा है, वहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और केंद्रीय मंत्री भी पीते है। केजरीवाल ने यह बयान देकर दिल्ली ही नहीं हरियाणा की जनता में भी भय फैलाने का काम किया है। उन्होंने कहा दिल्ली सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने में पूरी तरह विफल रही है। चुनाव में अपनी साख बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की जनता पर शर्मनाक और निराधार आरोप लगाए हैं। हरियाणा की जनता यमुना जी को आराध्य मानती है। इस प्रकार का मिथ्या प्रचार न केवल हरियाणा का अपमान है बल्कि दिल्ली के लोगों को गुमराह करने की साजिश भी है।

झूठ बोलना केजरीवाल की पुरानी आदत हैं : विपुल गोयल
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने तथाकथित ‘जहरीले पानी‘ को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया। लेकिन उनके पास इस दावे का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए झूठ बोलना अरविंद केजरीवाल की पुरानी आदत है। विपुल गोयल ने दिल्ली सरकार पर यमुना की सफाई को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में से केवल 17 ही चालू हैं। यह दिल्ली सरकार की अक्षमता और यमुना नदी की दुर्दशा के लिए उनकी गैर जिम्मेदारी को दिखाता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के इस कुप्रबंधन से न केवल दिल्ली के लोग, बल्कि हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, और मेवात जिले के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।

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