रोहतक में गिरफ्तारी के विरोध में आशा वर्कर्स ने फूंका पीएम और गृहमंत्री का पुतला

18 को पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के आवास पर 24 घंटे का पड़ाव डालेंगी आशा वर्कर्स : शीला शक्करपुरा

रोहतक में गिरफ्तारी के विरोध में आशा वर्कर्स ने फूंका पीएम और गृहमंत्री का पुतला

हिंदुस्तान तहलका /प्रवीन कालवां  

फतेहाबाद। रोहतक में गत दिवस आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स को हिरासत में लेने के विरोध में हड़ताल कर रही आशा वर्करों ने डीसी कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आशा वर्कर्स ने पुराना बस स्टैण्ड पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला भी फूंका। आशा वर्कर्स ने कहा कि वे 8 अगस्त से हड़ताल पर है परंतु सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने में असफल रही है। ऐसे में आशा वर्कर्स द्वारा 18 को पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के आवास पर 24 घंटे का पड़ाव डाला जाएगा।
आशा वर्कर यूनियन की राज्य उपप्रधान शीला शक्करपुरा व जिला सचिव सुमन दैयड ने कहा कि आशा वर्कर्स 67 दिनों से हड़ताल कर रही है। सरकार इनके साथ बातचीत कर इनकी समस्याओं का समाधान करने की बजाय पुलिस दमन का सहारा ले रही है। वे सरकार को बताना चाहती हैं कि पुलिस दमन व संवादहीनता का रवैया अपनाने से यह आंदोलन रूकने वाला नहीं है। सीटू जिला सचिव ओमप्रकाश अनेजा ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ महिलाओं को सम्मान देने का ढोंग कर रही है वहीं दूसरी ओर 67 दिनों से प्रदेश में आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स की सरकार को कोई चिंता नहीं है। वे प्रदेश के सभी विधायकों, मंत्रियों, सांसद और गठबंधन नेताओं को ज्ञापन सौंप चुकी है लेकिन सत्ताधारी दलों के नेता गूंगे-बहरे बने बैठे है। अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाने वालों पर लाठियां बरसाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा का यह दोगला रूप देख चुकी है और आने वाले 2024 के चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यूनियन की जिला प्रधान शीला शक्करपुरा ने कहा कि जिलेभर की आशा वर्कर 18 अक्टूबर को टोहाना के विधायक एवं प्रदेश के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के निवास पर 24 घंटों के लिए पड़ाव डालेंगी। उनसे पूछा जाएगा कि बेटियों द्वारा दो-दो बार ज्ञापन देने के बावजूद उन्होंने क्या कार्रवाई की है, बेटियों को हक दिलवाने के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए है। आज के धरने को सविता भूना, सुनीता लहरिया, दर्शना जांडली कलां, रजनी धांगड़, अनीता बड़ोपल, सुमन धारणिया, ब्रह्मी सरवरपुर, राजबाला एमपी रोही, मनीता बनमंदोरी, माया भट्टू, सुनीता हिजरावां कलां आदि ने भी संबोधित किया।