बैंक के नोडल अधिकारी तथा साइबर हेल्पलाइन की टीम बेहतर तालमेल करते हुए रोकेंगे साइबर अपराध-डीजीपी

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बैक अधिकारियों से कहा कि वे अपने बैंक में किसी भी व्यक्ति का खाता खुलवाते समय यह सुनिश्चित करें कि उसका बैंक खाता उसके आधारकार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर से लिंक हो हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बैक अधिकारियों से कहा कि वे अपने बैंक में किसी भी व्यक्ति का खाता खुलवाते समय यह सुनिश्चित करें कि उसका बैंक खाता उसके आधारकार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर से लिंक हो

बैंक के नोडल अधिकारी तथा साइबर हेल्पलाइन की टीम बेहतर तालमेल करते हुए रोकेंगे साइबर अपराध-डीजीपी

नितिन गुप्तामुख्य संपादक

हिंदुस्तान तहलका  / पंचकूला। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बैक अधिकारियों से कहा कि वे अपने बैंक में किसी भी व्यक्ति का खाता खुलवाते समय यह सुनिश्चित करें कि उसका बैंक खाता उसके आधारकार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर से लिंक हो। इसे लेकर बैंक के अधिकारी कार्ययोजना बनाएं ताकि साइबर अपराध रोकने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा सके। शुक्रवार आज अपने पुलिस मुख्यालय में साइबर सुरक्षा को लेकर बैंक के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में निजी तथा सरकारी बैंक के अधिकारियों के साथ साइबर सुरक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। एडीजीपी साइबर ओपी सिंह तथा आईजी अंबाला सिबास कविराज ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बैंको के स्तर पर साइबर अपराध रोकने संबंधी चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया।

 बैंकों को तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करने के दिए निर्देश

 बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बैंक के अधिकारियों को तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए काम करने के निर्देश दिए।    उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर बैंक द्वारा तैनात नोडल अधिकारियों का साइबर हेल्पलाइन पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ प्रशिक्षण करवाएं । सभी एक ही स्थान पर आपस में तालमेल स्थापित करते हुए काम करे ताकि साइबर फ्रॉड की शिकायत प्राप्त होने पर गोल्डन ऑवर्स में बैंक अकाउंट को फ्रीज किया जा सके। दूसरा श्री कपूर ने बैंक के अधिकारियों से कहा कि वे बैंक खाता खोलते समय व्यक्ति के आधारकार्ड में वर्णित मोबाइल नंबर को उसके बैंक खाते से अवश्य लिंक करें ताकि ओटीपी सही नंबर पर जाए। इससे साइबर अपराध को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तीसरा उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी संदिग्ध वित्तीय लेन देन पर नजर रखें। प्रत्येक बैंक खाते में वित्तीय लेन देन का एक पैट्रर्न होता है। बैंक अधिकारी इस पैट्रर्न को समझें और ऐसे बैंक खातों में होने वाले संदिग्ध लेन-देन की निगरानी रखते हुए अपने विवेक से आवश्यकता अनुरूप इन्हें ब्लॉक करना सुनिश्चित करें।

  -साइबर अपराध रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों से भी की जा रही हैं बैठक -श्री कपूर

श्री कपूर ने बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे साइबर अपराध को रोकने उपरांत रिकवर की गई राशि को मूल बैंकखाता धारक को रिफंड करने की भी प्रभावी व्यवस्था बनाएं। श्री कपूर ने कहा कि बैंक के अधिकारी वित्तीय लेनदेन के लिए इस्तेमाल होने वाली पीओएस मशीन की जिओफेंसिंग अवश्य करें ताकि निर्धारित सीमा के बाहर जाते ही वह काम करना बंद कर दे। बैठक में श्री कपूर ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों से भी बैठक की जा रही है ताकि अपराधियों द्वारा साइबर अपराध मेें इस्तेमाल होने वाले सिमकार्ड तथा मोबाइल फोन आदि को ट्रैक करते हुए अपराधी तक पहुंचा जा सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि अपराध को घटित होने से पहले ही रोका जाए और लोग साइबर ठगी का शिकार ना हो।

श्री कपूर ने कहा कि पिछले दिनों साइबर हेल्पलाइन नंबर - 1930 पर प्राप्त शिकायतो पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए एचडीएफसी बैंक के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था। जिनके सकारात्मक परिणाम को ध्यान में रखते हुए अब इस मॉडल को दूसरे बैंकों के साथ लागू किया जा रहा है। इसके तहत हेल्पलाइन नंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ बैंक के नोडल अधिकारियों की तैनाती किए जाने की योजना है ताकि एक बेहतर तालमेल स्थापित करते हुए शिकायत पर कार्यवाही की जा सके।

 लापरवाही नही की जाएगी बर्दाश्त- एडीजीपी साइबर

बैठक में उपस्थित एडीजीपी साइबर ओपी सिंह ने कहा कि बैंकों की यह जिम्मेदारी है कि खाताधारकों के बैंक में जमा राशि को सुरक्षित रखा जाए। बैंक के अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने यहां व्यवस्था में सुधार करते हुए स्थिति का आंकलन करें। उन्होंने कहा कि बैंक के अधिकारी इस बारे में किसी प्रकार की लापरवाही ना बरते और विषय की गंभीरता को देखते हुए काम करें। उन्होंने कहा कि रोजाना लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं और कई लोगों को अपनी जिंदगी भर की कमाई को भी गंवाना पड़ रहा है जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की हैल्पलाइन से कनेक्ट किए गए बैंक के नोडल अधिकारी शिकायत प्राप्त होने पर तुरंत कार्रवाई करें। भविष्य में इस दौरान लापरवाही पाए जाने पर संबंधित नोडल अधिकारी तथा बैंक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

 लोगों की बैंक में जमा राशि को सुरक्षित रखना बैंकों की जिम्मेदारी - आईजी

बैठक में आईजी अंबाला सिबास कविराज ने अपने विचार रखते हुए कहा कि एचडीएफसी बैंक के साथ शुरू किए गए इस प्रयोग के तहत अब ज्यादातर मामलों में 30 मिनट तक की समय अवधि में साइबर फ्रॉड होने पर पैसा होल्ड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आमजन का बैंकों पर भरपूर विश्वास है कि उनकी मेहनत का पैसा बैंकों में सुरक्षित है ऐसे में बैंकों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि लोगों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए। उन्होंने कहा बैंककर्मियों को इस बारे में ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। बैठक में बैंक अनुसार साइबर फ्रॉड संबंधी मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड को रोकने का केवल एक ही तरीका है कि सभी एक टीम की तरह काम करें अलग-अलग टीम गठित होने पर इतना प्रभावी तालमेल स्थापित नहीं हो पाता जितना एक साथ बैठकर हो पाता है। श्री कविराज ने कहा कि बैंक के नोडल अधिकारी 1930 पर तैनात इंसिडेंट कमांडर के साथ बैठे ताकि उन्हें पता चल सके कि इस पूरी प्रक्रिया में किसकी क्या भूमिका है।

 यह रहे उपस्थित

बैठक में एसबीआई बैंकएक्सिस बैंकइंडसइंड बैंकपीएनबी बैंककोटक बैंककेनरा बैंकयूनियन बैंक ,आईसीआईसीआई बैंक सहित कई अन्य बैंकों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।