कोर्ट के आदेशों के विपरीत घरौंडा अनाज मंडी में धान की बड़ी मात्रा में ट्रैक्टर ट्रालियों द्वारा हो रही लिफ्टिंग
बताया जा रहा है कि ठेकेदारों द्वारा मंडी से 8 किलोमीटर की परिधि में ट्रैकों द्वारा धान लोडिंग का प्रति किवंटल 20 रूपये के करीब मिलता है जबकि उक्त ठेकेदार सरकारी एजेंसी से मिली भगत कर ट्रैक्टर ट्रालियों को 10 से ₹12 प्रति क्विंटल दे रहे हैं

हिंदुस्तान तहलका /प्रवीण कौशिक
खोल। कोर्ट के आदेशों के विपरीत घरौंडा अनाज मंडी में धान की लिफ्टिंग बड़ी मात्रा में ट्रैक्टर ट्रालियों द्वारा की जा रही है। मंडी में ट्रैक्टर ट्रेलियों द्वारा लिफ्टिंग होने से न सिर्फ कोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है बल्कि ठेकेदारों द्वारा ट्रैक्टर ट्रालियों के मालिकों का भी शोषण करने किया जा रहा है। हालांकि मंडी प्रशासन मंडी में ट्रैक्टर ट्रालियों की लिफ्टिंग करवाने की वजह मंडी में समय रहते धान के उठाए जाने की बात कह रहा है उसके बावजूद भी मंडी में लिफ्टिंग करवाने के लिए समय-समय पर किसानों को धान लाने पर रोक लगाई जा रही है।
बता दें की मंडी में धान की सरकारी खरीद 25 सितंबर से शुरू कर दी गई थी। और इस समय धान का सीजन पूरी पिक पर है। मंडी से धान की लिफ्टिंग करवाने का जिम्मा संबंधित एजेंसियों के साथ-साथ लिफ्टिंग ठेकेदारों का है। जिसको ठेकेदार द्वारा ट्रको के माध्यम से उठाया जाना था। लेकिन मंडी में भीड़ न हो इसको लेकर मंडी प्रशासन के साथ मिलकर एजेंसी व ठेकेदारों ने कोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से लिफ्टिंग करवाने का कार्य शुरू कर दिया।
मंडी प्रशासन व सरकारी एजेंसी के अधिकारियों का तर्क है कि मंडी में भारी भीड़ होने के कारण ट्रक आसानी से आवागमन नहीं कर सकता जिसके चलते उन्हें ट्रैक्टर ट्रालियों का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसा करके कोर्ट के आदेशों की सरेआम हवेलना होती दिख रही है। वहीं दूसरी ओर अब मंडी में बड़ी मात्रा में ट्रैक्टर ट्रालियों द्वारा धान की लिफ्टिंग करवाई जा रही है लेकिन जिस प्रकार से ट्रैक्टर चालक अपनी ट्रालियों में धान की बोरियां ओवरलोड तरीके से भरकर ले जाते हैं किसी भी खतरे से काम नहीं है। क्योंकि सरकारी एजेंसी धान जल्द लिफ्ट करवाने के व ट्रैक्टर चालक अपने ज्यादा किराए के चक्कर में ट्राली में 600 से 700 बोरियों तक लादकर ले जा रहे हैं। इतनी ज्यादा मात्रा में ट्रैक्टर ट्राली में धान के कटे ओवर लोड होने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
आरटीओ विभाग भी कुंभकरणीय नींद सोया
लोगों का कहना है कि आरटीए विभाग सड़क पर चल रहे किसी भी ट्रक में अन्य वाहन को ओवरलोड होने पर पकडकर हजारों रुपए का जुर्माना वसूलता है। लेकिन अब मंडी से प्रतिदिन सैकड़ो की तादाद में ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां जीटी रोड के रास्ते से मौत का खेल खेल रही है। ऐसे में आरटीओ विभाग भी कुंभकरणीय नींद सोया हुआ है। वहीं दूसरी ओर मंडी में अटी पड़ी धान की बोरियों का उठान जल्दी हो इसके लिए प्रशासन ने गत रविवार व आज बुधवार को किसानों को अपनी धान की फसल मंडी में लाने से रोक लगा दी थी। बता दें कि रविवार को भी धान की फसल घरौंडा मंडी में ने आने के कारण सोमवार को पूरा दिन शहर में जाम की स्थिति रही थी और बुधवार को फसल मंडी में न आने से आज शहर में जाम की स्थिति बनी रही।
ठेकेदारों द्वारा रेट को लेकर सरकार को लगाई जा रही चपत -
मंडी में ट्रैक्टर ट्रालियों द्वारा धान की लिफ्टिंग होने से न सिर्फ किराया देने में ट्रैक्टर ट्राली चालकों का शोषण किया जा रहा है बल्कि सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ठेकेदारों द्वारा मंडी से 8 किलोमीटर की परिधि में ट्रैकों द्वारा धान लोडिंग का प्रति किवंटल 20 रूपये के करीब मिलता है जबकि उक्त ठेकेदार सरकारी एजेंसी से मिली भगत कर ट्रैक्टर ट्रालियों को 10 से ₹12 प्रति क्विंटल दे रहे हैं। ऐसे में जहां एक तरफ ठेकेदार द्वारा कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जा रही है वहीं सरकार को भी लाखों रुपए का चूना लगाया जाने की बात सामने आ रही है।
वर्जन -एसडीएम अदिति
मंडी से ज्यादा से ज्यादा धान की लिफ्टिंग करवाने के प्रयास किया जा रहे हैं।सरकारी आदेशों के अनुसार मंडी से सिर्फ ट्रैकों के माध्यम से ही लिफ्टिंग करवाई जाएगी। अगर ट्रैक्टर ट्रालियों से लिफ्टिंग करवाई जा रही है तो उसके बारे में कार्रवाई की जाएगी।