दूध-दही का खाणा नहीं, अब सोमरस का दीवाना यो मेरा हरियाणा

औद्योगिक नगरी में प्रतिदिन करीब 50 हजार लीटर शराब पी जाते शौकीन, देसी से ज्यादा अंग्रेजी शराब के दीवाने हैं शहरवासी

दूध-दही का खाणा नहीं, अब सोमरस का दीवाना यो मेरा हरियाणा

हिंदुस्तान तहलका / एहतेशाम अहमद  

फरीदाबाद। दूध दही का खाणा, यो मेरा हरियाणा की पहचान वाले इस प्रदेश में सोमरस यानी शराब का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। केवल फरीदाबाद में ही इस वर्ष शौकीनों ने 173 लाख लीटर, यानी प्रतिदिन करीब पचास हजार लीटर शराब से गला तर किया। शराब की यह प्यास औद्योगिक नगरी में प्रतिवर्ष लगभग पंद्रह फीसदी की दर से बढ़ रही है। जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक 237  ठेकों के साथ फरीदाबाद प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। यहां शराब की बढ़ती मांग को इस तरह समझा जा सकता है कि सरकार ने ठेकों से राजस्व की कमाई का टारगेट 471 करोड़ रुपये रखा था जबकि आय उससे कहीं अधिक 558 करोड़ रुपये की हुई।

 यह बीते वर्ष हुई 433 करोड़ की कमाई से 128 प्रतिशत अधिक है। जिले में प्रतिदिन औसतन 27,147 लीटर अंग्रेजी और 20,775 लीटर देसी शराब की खपत होती है। इसमें अवैध और अनाधिकारिक रूप से बिकने वाली शराब शामिल नहीं है। शराब कारोबार से जुड़े एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शहर में शराब तस्करी का एक समानांतर चैनल भी चलता है। आबकारी शुल्क नहीं चुकाने के कारण तस्कर थोक रेट में ही शराब की होम डिलीवरी कर देते हैं। उनके मुताबिक कुल कारोबार में तस्करी वाली शराब की करीब पांच प्रतिशत खपत है।

बढ़ रहा है बार कल्चर 

जिला आबकारी अधिकारी विजय कौशिक ने बताया कि औद्योगिक नगरी में बार कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। शहर में अब तक 34 बार खुल चुके हैं। बार कल्चर सेक्टरों की जगह नहर पार इलाके में तेजी से पनप रहा है। शहर के सबसे महंगे ठेके सेक्टर 12, 15 और 21 के हैं।