'लौहपुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज, जानें उनके 10 अनमोल विचार

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 147वीं जयंती है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। सरदार पटेल भारत के पहले उपप्रधान मंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री भी थे।

'लौहपुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज, जानें उनके 10 अनमोल विचार

हिंदुस्तान तहलका: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 147वीं जयंती है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। सरदार पटेल भारत के पहले उपप्रधान मंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री भी थे। भारत के लौहपुरुष सरदार पटेल का आजादी के बाद भारत के एकीकरण में सबसे महत्वपूर्ण योगदान था, इसलिए उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रणेता माना जाता है। उन्हें रियासतों के भारतीयों के भारतीय संघ में शांतिपूर्ण एकीकरण और भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए श्रेय दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में घोषित किया था। 2014 से इस दिन को हर साल मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के वो 10 अनमोल विचार, जो आज भी हर भारतीय को प्रेरणा से भर देते हैं।

 

1. इस मिट्टी में कुछ खास है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है। 

2. भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए। 

3. अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे। 

4. आपकी भलाई आपके रास्ते में बाधा है, इसलिए अपनी आंखों को गुस्से से लाल होने दें, और अन्याय के साथ मजबूती से लड़ने की कोशिश करें। 

5. संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गई है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैरभाव से नहीं होता। 

6. जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता. अतः जात-पांत के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए। 

7. आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए। 

8. आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए तभी हम एक उन्नत देश की कल्पना कर सकते हैं। 

9. हर नागरिक की यह मुख्य जिम्मेदारी है कि वह महसूस करे कि उसका देश स्वतंत्र है और अपने स्वतंत्रता देश की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। 

10. भारत एक अच्छा उत्पादक है और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।