बाल दिवस पर जानिए चाचा नेहरू क्यों थे बच्चो के प्रिय, उनके जीवन से जुड़े तथ्यों के बारे में
पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस मौके पर विभिन्न सामाजिक संस्थाएं अपने-अपने ढंग बाल दिवस मनाती हैं।

हिंदुस्तान तहलका / वीना शर्मा : पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस मौके पर विभिन्न सामाजिक संस्थाएं अपने-अपने ढंग बाल दिवस मनाती हैं। बच्चों में इस दिन को लेकर लेकर खासा उत्साह बना होता है। लेकिन बावजूद इसके पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन से जुड़े कुछ रोचक बाते ऐसी हैं जिनके बारे में आज की युवा पीढ़ी पूरी तरह परिचित नहीं है। पंडित नेहरू ने आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित किए। उनके मुताबिक बाल दिवस के मौके पर बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और विकास का जागरूकता से प्रसार करना भी अहम भूमिका रहता है।
बता दे कि पंडित नेहरू और महात्मा गांधी एक दूसरे के राजनीतिक प्रशसक रहे है लेकिन कृषि प्रधान समाज के रुप में भारत का भविष्य एक ऐसा मुद्दा रहा जिसे लेकर दोनों में खासा मतभेद रहा। उन्होंने सामजिक बुराईओं के खिलाफ आवाज उठाने के उद्देश्य से नेशनल हेराल्ड नामक अख़बार की शुरुवात। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए बाल दिवस को विश्व स्तर पर भी २० नवंबर को मनाए जाने की मन्यता दी गई
उन्होंने आईआईटी और आईआईएम के अलावा साहित्यिक अकादमी की स्थापना भी की जिसके वे चेयरमैन भी रहे। बच्चों के प्रति उनका स्नेहा और लगाव इस कदर था कि उन्होंने संविधान में अनुच्छेद 24 के अंतर्गत 14 साल से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक रोजगार से बचाने का प्रावधान करवाया। उन्होंने बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए उन्हें वीरता पुरस्कार से नवाजे जाने की शुरुआत की जो कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिया जाता है।उन्होने सोवियत यूनियन देश के मोडल से प्रभावित होकर मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया।