जनता पस्त, सरकार मस्त, सुध लेने वाला कोई नहीं : कुमारी सैलजा

बाढ़ से प्रभावित लोगों के जख्मों पर राहत का मरहम लगाए सरकार

जनता पस्त, सरकार मस्त, सुध लेने वाला कोई नहीं : कुमारी सैलजा

नितिन गुप्ता, मुख्य संपादक 

तहलका जज्बा / चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के कई जिलों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं, मगर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को प्रभावित जनता की कोई परवाह नहीं है। इसलिए लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। बाढ़ व बरसाती पानी जमा होने से परेशान लोगों के नुकसान की भरपाई का ऐलान करते हुए उनके जख्मों पर प्रदेश सरकार को तुरंत राहत का मरहम लगाना चाहिए। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, करनाल जिले बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। लोगों की जान-माल की हानि हो रही है। घरों में पानी घुसा हुआ है, जबकि बाजारों में मौजूद दुकानों, शोरूम व अन्य प्रतिष्ठानों में बरसाती पानी जमा है। लोगों को इससे भारी नुकसान हुआ है। लेकिन, अभी तक किसी भी तरह की राहत राशि या मुआवजे का ऐलान भी नहीं किया गया है। 

बेघर हुए लोगों के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों के लिए खाने की दिक्कत होने लगी हैं। इसके बावजूद अभी तक किसी तरह की राहत सामग्री व खाद्य सामग्री भी लोगों को नहीं दी गई है। गठबंधन सरकार को चाहिए कि चार जिलों के अलावा अन्य शहरों में भी बरसाती पानी जमा होने से लोगों का जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई का ऐलान करे। साथ ही बेघर हुए लोगों के खानपान और पहनने के कपड़ों को लेकर जरूरी इंतजाम किए जाएं।

प्रदेश में कहीं भी सूखी मिट्टी नहीं बची 

 कुमारी सैलजा ने कहा कि जब बारिश का अलर्ट पहले से था, तो प्रदेश सरकार की ओर से बरसाती पानी को आबादी में घुसने से रोकने के लिए कोई भी कदम समय रहते नहीं उठाए गए। सबसे जरूरी रेत से भरे कट्टे भी तैयार नहीं करवाए गए। जबकि, जब प्रदेश में कहीं भी सूखी मिट्टी नहीं बची है। अगर रेट के कट्टे आबादी के आसपास लगवा दिए होते तो इतने भयावह हालात न बनते। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन इलाकों में बारिश, बाढ़ या फिर मकान गिरने से जिस किसी भी व्यक्ति की मौत हुई है, उसकी एवज में मुआवजा राशि परिजनों को दी जानी चाहिए। इसके साथ ही मवेशियों की मौत का आंकलन कर उनके मालिकों को भी सहायता राशि देने की घोषणा करनी चाहिए।