राजस्थान : हनुमानगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त हुआ मिग-21
एक मकान की छत पर गिरा मिग-21, हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की हुई मौत, पैराशूट की मदद से दोनों पायलट सकुशल उतरे

नितिन गुप्ता, मुख्य संपादक
हिंदुस्तान तहलका / राजस्थान। हनुमानगढ़ में सोमवार सुबह एक मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक क्रैश होने के बाद फाइटर जेट एक घर के छत पर गिर गया। मृतक इसी घर के लोग बताए जा रहे हैं। मरने वालों में दो महिलाएं शामिल हैं। इस दौरान पायलट और को-पायलट ने कूदकर अपनी जान बचाई। पैराशूट की मदद से दोनों सकुशल उतर गए। घायल पायलट को सूरतगढ़ भेजा गया है। हादसे के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए हैं। सेना का हेलीकाप्टर बचाव के लिए दुर्घटनास्थल पर पहुंच गया है। वायु सेना सूत्रों के मुताबिक, विमान ने सूरतगढ़ से उड़ान भरी थी।हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।
घटना को लेकर एयरफोर्स की तरफ से भी बयान जारी किया गया। एयरफोर्स की तरफ से कहा गया कि वायुसेना के MiG-21 ने आज सुबह नियमित प्रशिक्षण उड़ान भरी थी। तभी यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट खुद को सुरक्षित निकालने में सफल हुए। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
16 महीने, 7 बार क्रैश हुआ MIG-21
5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित।
17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की हुई थी मौत।
20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने सफल रहा था।
25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 में बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।
8 मई 2023: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।
28 जुलाई 2022 में बाड़मेर में गिरा था मिग-21 बायसन, 2 पायलट शहीद हुए थे
5 दशकों में 400 प्लेन क्रैश, 200 पायलटों की जान भी गई
सोवियत संघ ने 1940 में मिग विमान बनाए और 1959 में इसे अपनी वायुसेना में शामिल कर लिया। तब यह 2229 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता था यानी ध्वनि की रफ्तार से भी 1000 किमी/घंटा ज्यादा। भारत में अप्रैल 1963 में मिग को वायुसेना में शामिल किया गया। 1971 और 1999 की जंग जीतने में मिग का अहम रोल था। लेकिन भारत में पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान भी ली है। MiG-21 विमानों को 2025 तक भारत के आसमान से उतार लिया जाएगा।