पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बना शनाग गांव, जंगल में लगाए करीब 23 सौ पौधे
-जायका संस्था के बैनर तले किया पौधरोपण

हिंदुस्तान तहलका / इंदर
मनाली। भारत में ऐसे तमाम गांव हैं जो पर्यावरण रक्षा के काम में जी जान से जुटे हुए हैं।
यहां हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। सामूहिक प्रयास के ऐसे नजारे बेशक बेहद कम हैं, लेकिन जितने भी हैं उत्साहवर्धक हैं। जी हां वो गांव है हिमाचल प्रदेश के शनाग गांव। बच्चे, बूढ़े और युवा सभी मिलकर शनाग गांव को संवारने में जुटे हुए हैं। शनाग गांव में गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियान चलाया गया। शनाग गांव के घरों में सुबह उठकर लोगों ने पहले पूरे गांव को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया। जायका संस्था की ओर से विभिन्न किस्म के करीब 25 सौ पौधे उपलब्ध करवाए गए। संस्था के प्रधान दया राम और वार्ड फैसिलिटेटर अजय भी इस कार्य में उपस्थित रहे। गांव कमेटी के प्रधान कर्मा, ओम प्रकाश, हरी राम, संजय, प्रीतम और गांव के बच्चे, बूढ़े और युवा सभी मिलकर पौधे लगाए।
इस अवसर पर गांव कमेटी के प्रधान कर्मा ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने लिए जंगलों को बचाना आवश्यक है। जंगलों में लगे पेड़- पौधे के कारण ही समय-समय बारिश होती है। प्रत्येक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पौधों को संरक्षित रखने की भी जिम्मेदारी हम सभी की है।
ओम प्रकाश और हरी राम का कहना है कहा कि जहां किसान भाईयों के मवेशियों के लिए हरा भरा चारा मिलता है। वहीं हमें शुद्ध हवा मिलती है। पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे यह हमारे जीवन का मुख्य स्त्रोत है। पर्यावरण को संजोए रखना हम सभी प्रथम कर्तव्य है।
संजय, प्रीतम का कहना है कहा कि जिस तरह से जंगलों में पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, हमें उन्हें बचाना है। एक पौधा एक जिंदगी के माध्यम से हमें एक पौधा लगाकर उसे संजोए रखने का संकल्प लेना है। घर परिवार में किसी का जन्म दिवस हो या कोई भी मांगलिक कार्यक्रम हो तो अपने घर आंगन या खेत खलिहान में पौधा जरूर लगाएं।