घरौंडा के शहीद लांस नायक सुखबीर सिंह को किया नमन

पुलिस स्मृति दिवस पर आईटीबीपी के जवानों ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल घरौंडा मे बनाए गए शहीदी स्मारक पर पहुंचकर लांस नायक सुखबीर सिंह को नमन किया

घरौंडा के शहीद लांस नायक सुखबीर सिंह को किया नमन

हिंदुस्तान तहलका  / प्रवीण कौशिक

घरौंडा। पुलिस स्मृति दिवस पर आईटीबीपी के जवानों ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल घरौंडा मे बनाए गए शहीदी स्मारक पर पहुंचकर लांस नायक सुखबीर सिंह को नमन किया। जवानों के साथ शहीद सुखबीर सिंह के परिवार ने भी  शहीद के स्मारक पर पहुंच कर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर आइटीबीपी देश भर से शहीदों के जन्म भूमि की मिट्टी को इक्कठी कर रही है। शनिवार को आइटीबीपी के जवान अधिकारी होशियार सिंह की अगवाई में सीनियर सेकेंडरी स्कूल स्थित लॉन्च नायक सुखबीर सिंह के शहीदी स्मारक पर पहुंचे।

 बता दे की लांस नायक सुखबीर सिंह ने साल 1993 में दिल्ली में उग्रवादियों द्वारा किए विस्फोट में अपने प्राण त्याग दिए थे। पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद सुखबीर सिंह की याद में बने स्मारक पर आईटीबीपी के जवानों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आईटीबीपी अधिकारी होशियार सिंह ने बताया कि ये क्षण उनके लिए गर्व की अनुभूति करवाता है। उन्होंने बताया कि देश भर उनके जवान जहा भी शहीद हुए और उनकी जन्म भूमि से मिट्टी इक्कठी की जा रही है। इस मिट्टी को मुख्यालय पर रखा जाएगा।

प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर न पहुंचने से खफा है शहीद के परिजन

पुलिस स्मृति दिवस पर केंद्र से आईटीबी के करीब आधा दर्जन अधिकारी व कर्मचारी शनिवार को सुबह 9 बजे  तय समय अनुसार सीनियर सेकेंडरी स्कूल घरौंडा के ग्राउंड में बने शहीदी स्मारक पर पहुंच गए थे। उनके साथ शाहिद सुखबीर सिंह के परिजनों के इलावा स्कूल के प्रिंसिपल इंदर सिंह कालियाअध्यापक कृष्ण शास्त्री  व शहर के कुछ पार्षद भी पहुंचे। लेकिन मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। शहीद सुखबीर सिंह के भाई विक्रम सिंह ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर जिला उपायुक्त करनाल तक सभी को आईटीबीपी के अधिकारियों ने पूर्व सूचना दी थी। लेकिन किसी भी बड़े अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर नमन करना उचित नहीं समझा। जिसको लेकर  शहीद के परिजनों में रोष दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार शहीदों पर करोड़ों रुपए खर्च करती है। लेकिन स्थानीय अधिकारियों को देश के इस शहीद को पुष्प अर्पित करने के लिए भी समय नहीं है। जो सीधे तौर पर देश के इस शहीद का अपमान है।