शिवसेना के बाद अब इस पार्टी में हुई 'जंग', दफ्तर के भीतर चले लाठी-डंडे

तमिलनाडु की पार्टी AIADMK में जंग छिड़ी हुई है। लड़ाई पार्टी का अध्यक्ष बनने को लेकर है। ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी का गुट आमने-सामने है।

शिवसेना के बाद अब इस पार्टी में हुई 'जंग', दफ्तर के भीतर चले लाठी-डंडे

तमिलनाडु की पार्टी AIADMK में जंग छिड़ी हुई है। लड़ाई पार्टी का अध्यक्ष बनने को लेकर है।  ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी का गुट आमने-सामने है। 

आज चेन्नई में पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम गुट में झड़प हो गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है. जनरल काउंसिल की बैठक से पहले पनीरसेल्वम के समर्थकों ने पार्टी के दफ्तर का दरवाजा तोड़ दिया।  समर्थक लाठी-डंडों के साथ ऑफिस में पहुंचे और नारा लगाते दिए। बता दें कि पार्टी में सिंगल लीडरशीप लागू करने को लेकर दोनों नेताओं में विवाद चल रहा है। इसी के मद्देनजर दोनों लीडर के समर्थकों के बीच हुई झड़प लाठी-डंडे तक जा पहुंची। 

इस लड़ाई के बीच ओ पनीरसेल्वम को मद्रास हाई कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने सोमवार को पार्टी के भविष्य के नेतृत्व ढांचे को तय करने के लिए जनरल काउंसिल की बैठक को मंजूरी दे दी है। हाई कोर्ट ने ओपीएस द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले गुट द्वारा बुलाई गई बैठक पर रोक लगाने की मांग की गई थी. बैठक में अंतरिम महासचिव के पद को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव है. बैठक जहां सुबह 9:15 बजे शुरू होने वाली थी, वहीं अदालत ने सुबह 9 बजे अपना आदेश दिया. अदालत ने कहा कि बैठक कानून के अनुसार आयोजित की जा सकती है. जनरल काउंसिल की बैठक में महासचिव पद की बहाली, पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव चुना गया. बैठक में पलानीस्वामी के पक्ष में महासचिव के शीर्ष पार्टी पद को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव लाया गया. AIADMK ने समन्वयक और संयुक्त समन्वयक का पद समाप्त कर दिया है. बैठक में 2500 से अधिक सदस्य हिस्सा लिए, जो

पलानीस्वामी गुट के हैं.  इससे पहले पनीरसेल्वम खेमे ने दलील दी थी कि कानून के मुताबिक केवल समन्वयक और संयुक्त समन्वयक ही बैठक बुला सकते हैं और नवनियुक्त प्रेसीडियम के अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई यह बैठक तकनीकी रूप से अवैध है.