Wednesday, July 16, 2025
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एयर इंडिया विमान हादसा: सिर्फ़ 40 सेकेंड में 260 जिंदगियों का अंत – कॉकपिट की वो एक बातचीत जो रहस्य बन गई

हिंदुस्तान तहलका / विष्णु हरि पाठक

12 जून, 2025 को देश ने एक ऐसा विमान हादसा देखा, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही सेकेंड बाद अहमदाबाद के एक घनी आबादी वाले इलाके पर गिर गई। इस हादसे में कम से कम 260 लोगों की मौत हुई – जिनमें विमान में सवार सभी यात्री, चालक दल और ज़मीन पर मौजूद कई लोग शामिल थे।

क्या हुआ था उस दिन?

AI-171 एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान था, जो अहमदाबाद से लंदन जा रहा था। टेकऑफ़ के कुछ सेकेंड बाद ही उसके दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच “कट-ऑफ” पोज़िशन में चले गए। इसका मतलब है कि इंजन में फ्यूल जाना बंद हो गया और इंजन काम करना बंद कर गए।

अधिकतर मामलों में ये स्विच केवल विमान लैंड करने के बाद बंद किए जाते हैं – उड़ान के दौरान नहीं।

कॉकपिट की रहस्यमयी बातचीत-

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने ‘कट-ऑफ़ क्यों किया’, दूसरे पायलट से जवाब मिलता है कि उसने ऐसा नहीं किया. रिकॉर्डिंग में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन-सी आवाज किस पायलट की है.

ये शब्द इस हादसे की सबसे रहस्यमयी गुत्थी बन गए हैं। हादसे के समय को-पायलट विमान उड़ा रहे थे और कैप्टन निगरानी कर रहे थे।

दोबारा चालू किए गए इंजन – लेकिन देर हो चुकी थी

जब पायलटों को स्थिति का अंदाज़ा हुआ, उन्होंने फ्यूल स्विच को दोबारा ऑन किया। लेकिन तब तक दोनों इंजन बंद हो चुके थे।

एक इंजन फिर से चालू हो गया, लेकिन दूसरा पूरी ताकत हासिल नहीं कर पाया।

विमान केवल 625 फीट ऊपर जा पाया और 40 सेकेंड के अंदर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

रैम एयर टरबाइन (RAT) का एक्टिव होना-

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि हादसे से ठीक पहले विमान की रैम एयर टरबाइन एक्टिव हो गई थी। यह एक इमरजेंसी सिस्टम है जो तब चालू होता है जब दोनों इंजन पूरी तरह फेल हो जाएं।

साथ ही, लैंडिंग गियर डाउन पोजिशन में ही था, यानी पायलट गियर ऊपर नहीं खींच सके – जिससे साफ होता है कि उनके पास कुछ भी करने का वक्त ही नहीं था।

पीटर गोएल्ज़, पूर्व NTSB निदेशक ने कहा –

वॉयस रिकॉर्डर में और भी बातें हो सकती हैं जो अब तक सार्वजनिक नहीं की गईं। हमें यह पता लगाना होगा कि आवाजें किसकी थीं।

हादसे से उजड़े परिवार

इस हादसे ने कई परिवारों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। कुछ लोग सालों बाद पहली बार अपने घर लौट रहे थे, तो कुछ छुट्टियों के लिए निकले थे।

यह हादसा सिर्फ़ एक तकनीकी मामला नहीं – बल्कि मानवीय त्रासदी है।

अब आगे क्या –

जांच अब भी जारी है, और इसमें भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, बोइंग, और एयर इंडिया के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं।

अंतिम रिपोर्ट आने तक यह तय नहीं किया जा सकता कि गलती किसकी थी – इंसान की, मशीन की, या सिस्टम की।

एयर इंडिया विमान 171 का हादसा भारत के विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में शामिल हो गया है। महज़ 40 सेकेंड में, एक मामूली सी गलती या तकनीकी चूक ने 260 ज़िंदगियों को निगल लिया।

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