अलीगढ़ | 90 साल की शांति देवी जाते जाते कर गई दो जिंदगी में रोशनी
देहदान कर्त्तव्य संस्था के सहयोग से अब शहर के बाहरी इलाके में रहने वाले लोग भी कर रहे नेत्रदान

अलीगढ़ (हिन्दुस्तान तहलका) | मृत्यु उपरांत शांति देवी जी की आंखों से अब दो लोग और इस हसीन दुनिया को देख सकेंगे । और ऐसा हुआ है देहदान कर्तव्य संस्था के सहयोग से ।
देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार आज सुबह देहदान कर्त्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ के पास अलीगढ के प्रमुख समाजसेवी सी ए अनिल वार्ष्णेय का फोन आया कि हरदुआगंज निवासी प्रह्लाद अग्रवाल की माँ शान्ति देवी उम्र 90 वर्ष के निधन पर नेत्रदान होना है।
देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ ने तुरन्त जे एन मैडिकल कॉलेज की टीम से सम्पर्क साध कर सौहार्दपूर्ण वातावरण में नेत्रदान सफलतापूर्वक करा दिया। डॉ एस के गौड़ ने उनके घर पहुंच नेत्रदान /देहदान के बारे में एकत्र समूह को बताते हुए कहा कि नेत्रदान कर किसी के जीवन को रंगीन बनाने से बड़ी शायद ही कोई अन्य पूजा होगी। अग्रवाल परिवार ने यह कार्य कर समाज पर बहुत बड़ा उपकार किया है।
संस्था ने देहदान व नेत्रदान तो पहले भी कई कराए लेकिन नेत्रदान शहर के बाहर पहली बार करा कर इतिहास रच दिया।
शान्ति देवी 04 पुत्र व तीन पुत्रियों की माँ थीं। नेत्रदान के इस सफल अभियान में डॉ एस के गौड़ , भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , मैडिकल कॉलेज टीम के सदस्यों में प्रोफेसर योगेश गुप्ता, डॉ अदीब आलम, डा जिया सिद्दीकी, डॉ मुo शाकिब, डॉ महफ़ूज़ आलम, डॉ सिद्धार्थ खन्ना, साबिर, शमीम का भी योगदान रहा ।