मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ली हरियाणा कैबिनेट बैठक, कई अहम फैसलों पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमे में सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के परिवारों/दिव्यांग सैनिकों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के संबंध में संशोधित नीति/निर्देशों को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।

सशस्त्र बल के जवानों के परिवार को दी जाने वाली अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी
चंडीगढ़ ( हिंदुस्तान तहलका ) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमे में सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के परिवारों/दिव्यांग सैनिकों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के संबंध में संशोधित नीति/निर्देशों को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री की 21 अक्टूबर, 2021 की घोषणा के अनुसार, हरियाणा ने सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) जो युद्ध⁄ऑप्रेशनल क्षेत्र में, आतंकवादी गतिविधियों और प्राकृतिक आपदाओं आदि में मारे गए/दिव्यांग कर्मियों के लिए निशक्तता के आधार पर अनुग्रह अनुदान की दरों में वृद्धि की है। संशोधित दरों के अनुसार, दिव्यांग सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) को 75 प्रतिशत या अधिक निशक्तता के मामले में 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जा रही है। इससे पूर्व यह राशि 15 लाख रुपये थी। इसी प्रकार, 50 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 25 लाख रुपये तथा 25 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 15 लाख रुपये अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। पहले यह राशि क्रमशः 10 लाख और 5 लाख रुपये थी।
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मंत्रिमंडल की बैठक में दीनदयाल जन आवास योजना में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और किफायती आवास परियोजनाओं का लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना - अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में 50 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को फ्रीज करने के प्रावधान को हटा दिया है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में दीन दयाल जन आवास योजना- अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी।
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बैंक गारंटी की एवज में बिक्री योग्य क्षेत्र के मोर्टगेज का प्रावधान
परियोजना के पूरा होने में किसी भी संभावित चूक के विरुद्ध सुरक्षा के मामले में, अब कॉलोनाइजर को निदेशक के पक्ष में इंटरनल डेवलपमेंट वर्क्स और ईडीसी के लिए आवश्यक बैंक गारंटी के विरूद्ध 10 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को कवर करने वाले आवासीय भूखंडों को मोर्टगेज रखना होगा।
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अब डेवलपर्स को आवश्यकता-आधारित कम्युनिटी साइट के निर्माण के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेंगे
संशोधन के अनुसार, कॉलोनी के निवासियों के बड़े पैमाने पर उपयोग और सामुदायिक सुविधा के प्रावधान के लिए डेवलपर को अपनी लागत पर आवश्यकता-आधारित कम्युनिटी साइट के निर्माण के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, कॉलोनाइजर को ऐसे सामुदायिक भवन से सदस्यता शुल्क/ फीस जैसे कोई लाभ अर्जित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कॉलोनाइजर को फाइनल कम्पलीशन सर्टिफिकेट प्रदान करने से पहले कम्युनिटी साइट का ओक्यूपेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है।
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हरियाणा सरकार ने मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर लगने वाली पैनल्टी में किया संशोधन
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिली। राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इस संशोधन के अनुसार, वाहन मालिक या वह व्यक्ति, जिसके कब्जे या नियंत्रण में वाहन है, उनके द्वारा निर्धारित समय में मोटर वाहन के संबंध में देय कर भुगतान नहीं किया गया है, तो देय कर के भुगतान के अलावा वे देय कर पर 3 प्रतिशत प्रति माह की दर से पैनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। वर्तमान में मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर प्रत्येक दिन की देरी के लिए 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन की दर से पैनल्टी, जोकि 15 प्रतिशत प्रति माह बनता है, तथा पैनल्टी पर 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से साधारण ब्याज लगाया जाता है। कर प्रशासन को तर्कसंगत, सरल और कुशल बनाने के लिए यह पाया गया कि जुर्माने की दर अधिक है और बेहतर कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है।
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने 'हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी' 2022 को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी - 2022 को मंजूरी प्रदान की गई। यह नीति मुख्य शहरीकरण और औद्योगीकरण उद्देश्यों के लिए लैंडबैंक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। चूंकि भूमि मालिक विकास प्रक्रिया में भागीदार होंगे, इसलिए नीति का उद्देश्य भूमि के आवंटन को रिक्त भूमि (रॉ लैंड) की लागत से जोड़कर उन्हें अधिकतम लाभ प्रदान करना है। नीति में विभिन्न चरणों में समय-सीमा निर्धारित की गई है ताकि भूमि मालिकों के हितों की सुरक्षित की जा सके और समयबद्ध तरीके से भूमि विकास के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
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हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 का उद्देश्य
हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास सहित नियोजित विकास के उद्देश्य को प्राप्त करना और उक्त विकास में भागीदार बनने के इच्छुक भूमि मालिकों की स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से भूमि प्राप्त करना है।इस नीति का उद्देश्य हरियाणा अनुसूचित सड़क एवं नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध के प्रावधानों के अनियमित विकास अधिनियम, 1963 के तहत राज्य सरकार द्वारा पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान के निर्धारित क्षेत्र के भीतर एक सेक्टर या उसके हिस्से के विकास के लिए भूमि के पूलिंग हेतू एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र विकसित करना है।
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एचएसवीपी पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान
इस नीति के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान में शहरी क्षेत्र के भीतर स्थित क्षेत्रों के मामले में आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और बुनियादी ढांचे का विकास करेगा। इसके अलावा, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) इस नीति के तहत हरियाणा में कहीं भी औद्योगिक, बुनियादी ढांचे या संस्थागत उद्देश्यों के लिए विकास कार्य करेगा।
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निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने वाले भूमि मालिकों पर लागू
इस नीति के तहत एचएसआईआईडीसी और एचएसवीपी के लिए उपरोक्त उद्देश्यों के अलावा राज्य सरकार किसी भी विभाग या किसी बोर्ड, निगम या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य संगठन को किसी भी निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए अधिकृत किया जा सकता है। ऐसा तब किया जाएगा, जब राज्य सरकार को ऐसा करना आवश्यक लगेगा।यह नीति निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने वाले भूमि मालिकों पर लागू होगी। यह नीति उन एग्रीगेटर पर लागू होगी, जो निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने के लिए कई भूमि मालिकों के साथ समझौते के तहत भूमि एकत्र करता है। यह नीति विकास योजना में निर्दिष्ट भूमि उपयोग के अनुरूप भूमि के लिए लागू होगी। साथ ही, यह नीति हरियाणा में किसी अन्य क्षेत्र के संबंध में भी लागू होगी, जहां विकास का उद्देश्य बुनियादी ढांचा या औद्योगिक विकास हो। डेवलपपेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा भू-स्वामियों को एक भूमि अधिकार प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जो ट्रेड या मोर्टगेज रखा जा सकता है।
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*आवेदन जमा करने की प्रक्रिया*
इस नीति के तहत, कोई भी भूमि मालिक, या तो सीधे या एक एग्रीगेटर के माध्यम से प्रकाशन में निर्दिष्ट अवधि, जोकि 60 दिनों से कम नहीं होगी, के भीतर विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने के लिए आवेदन जमा कर सकता है।इस अवधि को डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा आवश्यकता अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन यह 30 दिनों से अधिक नहीं होगी। आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।भूमि मालिक परियोजना के लिए प्रस्तावित भूमि के विवरण के साथ डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की वेबसाइट पर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करेंगे। मैन्युअल रूप से जमा किए गए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा और ऐसे आवेदन को खारिज कर दिया जाएगा। परियोजना के लिए आवेदन करने में सहायता के लिए डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर प्रदान किया जा सकता है।
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आवंटन मानदंड
- भूस्वामियों को विकसित भूमि का आवंटन हिस्सा विकास संगठन के लिए परियोजना की कुल लागत में भूस्वामियों द्वारा योगदान की गई अविकसित भूमि के बाजार मूल्य पर आधारित होगा।
- भूस्वामियों को विकसित भूमि का आवंटन हिस्सा डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के लिए परियोजना की कुल लागत में भूस्वामियों द्वारा योगदान दी गई अविकसित भूमि के बाजार मूल्य के आधार पर होगा।
- विकास परियोजना के लिए योगदान करने वाले प्रत्येक भूस्वामी को वार्षिक अंतरिम वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसे परियोजना की कुल लागत में शामिल किया जाएगा।
- परियोजना की कुल लागत सभी भूस्वामियों द्वारा योगदान की गई अविकसित भूमि के मूल्य, विकास की लागत, अंतरिम वार्षिक सहायता और प्रशासनिक शुल्क का योग होगा।
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स्वैच्छिक आवेदन
- इस नीति के अंतर्गत प्रकाशन न होने की स्थित में भी भू-स्वामी या एग्रीगेटर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वेबसाइट पर राज्य सरकार को ऑनलाइन मोड के माध्यम से स्वेच्छा से अपनी भूमि की पेशकश कर सकता है।
- राज्य सरकार को इस तरह के आवेदन जमा करने के लिए कोई समय निर्दिरष्ट नहीं होगा और कोई भी डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन विकास उद्देश्यों के लिए किसी भी परियोजना हेतू प्रस्तावित भूमि का उपयोग कर सकता है।
- भूमि मालिक, सीधे या एग्रीगेटर के माध्यम से, निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू राज्य सरकार के ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से अपने स्वामित्व वाली भूमि की पेशकश करने के लिए स्वतंत्र होगा। इस स्थिति में उक्त प्रस्ताव पर के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की 6 फरवरी, 2017 की नीति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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एग्रीगेटर को 0.5 प्रतिशत पारिश्रमिक मिलेगा
यदि एग्रीगेटर के माध्यम से भूमि की पेशकश की जाती है, तो एग्रीगेटर भूस्वामियों और एग्रीगेटर के बीच सहमति के अनुसार पारिश्रमिक प्राप्त करने का पात्र होगा। बशर्ते कि पारिश्रमिक 0.5 प्रतिशत से कम न हो।
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मंत्रिमंडल में हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022 को मिली मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022 की स्वीकृति के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत उचित मूल्य की दुकान जारी करने के लिए 33% महिला आरक्षण दिया जाएगा। उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस कम से कम 300 लाभार्थियों के राशन कार्ड के लिए दिया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्देश्य के लिए एक गांव को एक ईकाई के रूप में माना जाएगा। गांव के 300 से कम राशन कार्ड के लिए भी उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस जारी किया जाएगा। उचित मूल्य की दुकान पर विक्रय यंत्र बिंदु के माध्यम से पीडीएस के तहत बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण के बाद आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाएगा। नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाभार्थी देश भर में अपनी सुविधा अनुसार किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन लेने का हकदार होगा। राशन दुकान की सेवाओं को ऑनलाइन या अन्य तंत्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा।