सावन माह के पहले सोमवार को भक्तों ने की भगवान शंकर की आराधना

सावन शुरू होते ही भगवान शिव के जयकारों की गूंज सुनाई देने लगी है सावन के पहले सोमवार पर फरीदाबाद की सैनिक कॉलोनी में शिव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा है और शिवभक्तों ने जमकर शिवलिंग पर दूध चढाया और पूजा अर्चना की।

सावन माह के पहले सोमवार को भक्तों ने की भगवान शंकर की आराधना

सावन शुरू होते ही भगवान शिव के जयकारों की गूंज सुनाई देने लगी है सावन के पहले सोमवार पर फरीदाबाद की सैनिक कॉलोनी में शिव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा है और शिवभक्तों ने जमकर शिवलिंग पर दूध चढाया और पूजा अर्चना की। बाबा भोले के भजन कीर्तन से पूरा मंदिर गुंजायमान रहा।  

सैनिक कॉलोनी स्थित भगवान शिव का सुप्रसिद्ध मंदिर है। इसकी ख़ास बात ये है कि इस मंदिर में शिवलिंग की ऊंचाई काफी है। शिवलिंग की इतनी ऊंचाई वाला एनसीआर में अभी तक कोई दूसरा मंदिर नहीं है। सावन के पहले सोमवार पर इस मंदिर में काफी भीड़ मिलती है। सैकड़ों की संख्या में लोग यहां बाबा भोले की आराधना करने पहुंचते हैं। इस मंदिर में एक और आकर्षण का केंद्र है भगवान शिव की गुफा। इस गुफा में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। यूं तो मंदिर में भजन, जागरण ,कीर्तन, लगातार सुनाई देते रहते हैं मगर यदि महाशिवरात्रि या सावन के महीने की बात करंे तो इसकी छटा अलग ही जान पड़ती है। 

क्या है सावन माह का महत्व ? 

यदि सावन माह के महत्व के बारे में बात करें तो मान्यता है कि समुन्द्र मंथन सावन माह में हुआ था। मंथन के दौरान तो कई तरह की आवश्यक और अनावश्यक वस्तुयें निकली इसमें हलाहल यानी विष भी था।  जब सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शंकर ने विष पान किया तब उनका शरीर हलाहल की गर्मी से तप उठा। भगवान शिव को इस परेशानी से बाहर निकालने के लिए इंद्र देव ने जमकर बारिश करवाई थी। कहते हैं कि यह घटना सावन माह में घटी थी। एक वजह ये भी है जिससे भगवन शंकर कि इस माह में पूजा की जाती है। एक दूसरी मान्यता ये भी कि इसी माह में मां गौरी ने अपने तप से भगवान शंकर को प्रसन्न किया था और इसी महीने में उनका विवाह हुआ। इस लिए भी ये महीना शंकर को भाता है। कहते हैं कि सावन में भगवान शंकर धरती पर आते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। 

भगवान शंकर की आराधना के लिए क्यों है सोमवार का दिन शुभ ? 

वैसे तो भगवान् की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है। मगर भगवान शंकर को सोमवार से जोड़ा गया है। सोमवार का संबंध चंद्रमा से है। पुराणों के अनुसार चंद्र देव इसी दिन भगवान शिव की पूजा करते थे, जिससे उन्हें निरोगी काया मिली। इस दिन भगवान शिव की आराधना का अर्थ है चंद्रदेव को भी प्रसन्न करना। यही कारण है कि सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए विशेष माना जाता है। सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।