1 लाख तक का फाइन और जेल! भारी पड़ेगा प्लास्टिक से बनी इन 19 वस्तुओं का इस्तेमाल

केंद्र सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके तहत प्लास्टिक से बनी कई चीजें मिलनी बंद हो जाएंगी।

1 लाख तक का फाइन और जेल! भारी पड़ेगा प्लास्टिक से बनी इन 19 वस्तुओं का इस्तेमाल

केंद्र सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके तहत प्लास्टिक से बनी कई चीजें मिलनी बंद हो जाएंगी। राज्य सरकारें इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाएंगी और सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, वितरण, भंडारण या बिक्री करने वाली इकाइयों को बंद करेंगी। 28 जून को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सूचित किया था कि 1 जुलाई से देश में चिह्नित सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा। 

हालांकि, इसके खिलाफ व्यापार संगठनों ने आवाज भी उठाई है। उनका कहना है कि पहले सरकार को इस संबंध में एक समिति बनाकर सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प ढूंढना चाहिए और उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, भारत हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन करता है। आपको बता दें देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े 19 उत्पादों पर बैन लग चुका है। इनके इस्तेमाल और बिक्री को अपराध माना जाएगा।  सिंगल यूज प्लास्टिक बैन में फ्रूटी जैसे प्रोडक्ट के साथ आने वाली स्टॉ भी शामिल हैं।

इन चीजों के इस्तेमाल पर होगी पाबंदी

प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट वाले थर्माकोल, प्लास्टिक प्लेट, कप, प्लास्टिक पैंकिंग आइटम, प्लास्टिक के इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिर और PVC.

एक लाख रुपये तक का जुर्माना

एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे लोगों पर 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर पांच साल की जेल या दोनों सजाएं भी दी जा सकती है। इसके अलावा उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जुड़े उद्योगों को बंद करने जैसी कार्रवाई का भी प्रावधान है। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के अनुसार, सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों पर बैन का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का फाइन लग सकता है या पांच साल की जेल भी हो सकती है। पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की जा सकती है। गोपाल राय दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं।

 

प्लास्टिक से बने स्ट्रॉ पर प्रतिबंध लागू होने के साथ ही एफएमसीजी और फलों के जूस एवं डेयरी कंपनियों ने उत्पादों के पैक के साथ कागज से बने स्ट्रॉ की पेशकश की तरफ कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। पार्ले एग्रो, डाबर, अमूल और मदर डेयरी जैसी प्रमुख कंपनियों ने टेट्रा पैक के साथ अब प्लास्टिक स्ट्रॉ की जगह कागज से बने स्ट्रॉ एवं अन्य वैकल्पिक समाधानों की पेशकश करनी शुरू कर दी है। उद्योग निकाय एक्शन अलायंस फॉर रिसाइक्लिंग बीवरेज कार्टंस (एएआरसी) ने कहा कि एफएमसीजी कंपनियों को प्लास्टिक स्ट्रॉ के कारगर विकल्प तलाशने में दिक्कत हो रही है। ऐसी स्थिति में जल्द ही कारगर विकल्प नहीं मिलने पर इन उत्पादों की आपूर्ति बाधित हो सकती है।