एक भारत श्रेष्ठ भारत पर दिखा भारतीय संस्कृति की झलक
मां, मातृभूमि और मातृभाषा ये तीनों ही संस्कारों की जननी है। मातृभाषा हमें अपने मूल और मूल्यों से जोड़ती है।

हिंदुस्तान तहलका / फरीदाबाद - मां, मातृभूमि और मातृभाषा ये तीनों ही संस्कारों की जननी है। मातृभाषा हमें अपने मूल और मूल्यों से जोड़ती है। मां से जन्म, मातृभूमि से हमारी राष्ट्रीयता और मातृभाषा से हमारी पहचान होती है। ये बात फरीदाबाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डॉ. मनोज मित्तल ने कही। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डॉ. मनोज मित्तल ने लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी) में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम में छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहे।
दिल्ली से सटे ग्रेटर फरीदाबाद के नचौली गांव में स्थित लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी) में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में हमारी मातृभूमि की संस्कृति के बारे में जागरूकता पैदा करना था। कार्यक्रम विशेष रूप से तेलंगाना को लेकर किया गया था । जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। स्कूल ऑफ एजुकेशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम में सोलो डांस, ग्रुप डांस, सिंगिग, पोएट्री, कल्चरल रैम्प वॉक आदि आयोजित किए गए। जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत के साथ-साथ तेलंगाना के रिच कल्चर के बारे में जानकारी छात्रों को दी गई। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान हरजीत, हर्ष और श्रेया की सुरीली आवाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जया मिश्रा, प्रिया सरकार, सोनीया, श्रृति शर्मा, अनकिता मिश्रा, शिवानी यादव और सोलो डांस में मोनिका कुमारी ने अपने मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्य प्रदर्शन से समा को बांध दिया। चेयरमैन डॉ. पिचेश्वर गड्डे, कुलपति एमके.सोनी, डीन अकादमिक प्रो. (डॉ.) देवेंद्र पाल सिंह व रजिस्ट्रार प्रेम कुमार सालवान द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह की शुरूआत की गई। स्कूल ऑफ एजुकेशन की एचओडी डॉ. गुरविंदर आहलुवालिया के प्रेरणादायक शब्दों ने प्रतिभागियों में देशभक्ति की भावना जगा दी। यह आयोजन सफल रहा और छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। मंच का कार्यभार पूर्णिमा खन्ना और दिपांशु ने संभाला।