अंतराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस - नशे के चक्रव्यूह में फंस रहे बच्चे और युवा, छात्राओं ने ली शपथ

पूरे विश्व में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस 2022 मनाया जा रहा है।

अंतराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस -  नशे के चक्रव्यूह में फंस रहे बच्चे और युवा, छात्राओं ने ली शपथ

हरियाणा, 26 जून पूरे विश्व में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस 2022 मनाया जा रहा है। ऐसे में फरीदाबाद के गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड द्वारा अंतराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर मादक द्रव्य एवम नशा छोड़ो अभियान चला कर जागरूक किया गया तथा नशे के समूल नाश के लिए वर्चुअल शपथ भी ली गई। जूनियर रेडक्रॉस गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि नशे से मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोगों की मौत हो जाती है तथा अन्य कुछ मानसिक तनाव के कारण स्वयं आत्महत्या कर लेते हैं। यह एक बहुत बुरी आदत है जो सरलता से नहीं छूटती है। भारत में भी इसके विरुद्ध कठोर कानून बने हैं यद्यपि सामाजिक सशक्तिकरण और समाज को नशा मुक्त करने के लिए और भी कठिन कदम उठाने की आवश्यकता है। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में बढ़ती हुई मद्यपान, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट की बुरी आदत एवं नशीले मादक द्रव्यों व पदार्थों के दुष्परिणामों से समाज को अवगत कराना है ताकि मादक द्रव्य एवं मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए आवश्यक चेतना का निर्माण हो सके। 

वहीं प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि वर्ष 2022 का अंतराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का थीम स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान चुना गया है। मनचंदा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी संस्था यूनाइटेड नेशनल ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम ने सभी सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, नगारिक समाजों आदि से लोगों को सुरक्षित करने के लिए आपात कदम उठाने की मांग की है। मादक पदार्थों की अवैध तस्करी को रोकने और मादक पदार्थों के उपयोग की रोकथाम एवं उनके उपचार को सुदृढ़ बनाने की भी मांग की है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा और कार्यक्रम कॉर्डिनेटर प्राध्यापिका मोनिका और प्राध्यापिका शीतल ने कहा कि नशे का व्यवसाय इस प्रकार हावी है कि प्रत्येक नगर में पिछले कई वर्षों में बड़ी संख्या में नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं। यहां पर स्मैक, गांजा, हेरोइन, ब्राउन शुगर जैसे नशे से छुटकारा दिलाने का उपचार किया जाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि हर वर्ष हजारों रोग नशे की आदत का शिकार होते हैं और इनमें से एक चौथाई की मृत्यु हो जाती है। इन में युवाओं की संख्या कहीं ज्यादा है। विद्यालय में ब्रिगेड और जे आर सी छात्राओं ताबिंदा, चंचल, अंजली, मनीषा, सिया, राखी, निशा, अक्षरा अंशिका, मुस्कान, एकता, स्नेहा, कशिश, हर्षिता और खुशी ने सुंदर पेंटिंग बना कर मादक पदार्थों का सेवन न करने का आग्रह किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा और प्राध्यापिका मोनिका, प्राध्यापिका शीतल, प्रवीण, सूबे सिंह तथा सोनिया बमल ने सभी छात्राओं का कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आभार व्यक्त किया।