➡श्री गुरु रविदास जी ने मानव धर्म को सबसे बड़ा धर्म बताया-कौशिक
हिंदुस्तान तहलका /अनीश कौशिक
समालखा – हल्के में बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की 647 वी जयंती मनाई गई। जयंती के उपलक्ष्य में समालखा विधानसभा क्षेत्र में कई जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान जनसेवक शशिकांत कौशिक व उनके परिजन अपनी टीम के साथ हल्के के विभिन्न गांवो के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचकर श्री गुरु रविदास मंदिर में माथा टेक आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी कड़ी में सुशील कौशिक ने हल्के के गांव राकसेड़ा में रविदास जयंती के उपलक्ष में गुरु रविदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर शीश नवा कर आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात गांव राकसेड़ा में गुरु रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया और गांव राकसेड़ा में गुरु रविदास मंदिर के निर्माण कार्य में अपनी नेक कमाई से 51000 का अनुदान दिया।
इस मौके पर जनसेवक शशिकांत कौशिक ने सभी कार्यक्रमों के आयोजकों और देश और प्रदेश वासियों को श्री गुरु रविदास जयंती की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत की भूमि संतों महापुरुषों की भूमि रही है। संत श्री गुरु रविदास जी ने भी समाज को एकता का संदेश दिया।
उन्होंने बताया कि गुरुओं, संतों, ऋषि मुनियों, महापुरुषों नें पूरी मानवता को सच्चाई व धर्म के मार्ग पर चलने का सन्देश दिया है। संतों को किसी धर्म और जाति की सीमाओं में सीमित रखना न्यायोचित नहीं है क्योंकि संत सभी के सांझे होते हैं और संतों ने समाज व देश को हमेशा सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। संत रविदास जी ने सैकड़ों वर्ष पहले कमजोर, दलित व महिलाओं को सम्मान देने की बात अपनी वाणी के माध्यम से समाज के समक्ष रखी है, उनकी वाणी सदियों तक याद रखी जाएगी, सभी माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षित करें और संस्कारवान बनाएं तभी समाज आगे बढ़ेगा, हर गरीब बेटी को शिक्षित बनाने में सहयोग करना चाहिए।