⇒ बोले, सकारात्मक सोच के साथ मेवात के भविष्य के लिए आगे बढ़े
⇒ मेवात के विकास में मौलवियों की अहम भूमिका: वशिष्ठ
हिंदुस्तान तहलका / राकेश वर्मा
नूंह – नौ मार्च को बडकली चौक पर आयोजित होने वाले राजा हसन खां मेवाती शहीदी दिवस समारोह में धर्मगुरु भी बड़ी संख्या में शिकरत करेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मुकेश वशिष्ठ में जिले भर के धर्मगुरूओं से मुलाकात की और उन्हें समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
शहीद समारोह को भव्य और सर्वस्पर्शी बनाने में जुटे मीडिया समन्वयक लगातार जिले के मंदिर, मस्जिद और मदरसों में जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात कर रहे है। मीडिया समन्वयक मुकेश वशिष्ठ मानते हैं कि समाज निर्माण में धर्मगुरुओं की अहम भूमिका है। धर्मगुरुओं ने सदा समाज को दिशा दी है। मेवात के गौरवशाली इतिहास में धर्मगुरुओं का स्थान अनुकरणीय है। मेवात में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत 1806 में नगीना के नौटकी गांव के मौलवी एवज खां ने की थी। जिसे झुठलाया नहीं जा सकता।
इसलिए एकबार फिर मेवात को पिछड़ेपन से आजाद करने के लिए धर्मगुरुओं की मदद ली जाएगी। इसलिए उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर मुफ्ती जाहिद, मुफ्ती रफीक अहमद, गुरूकुल भादस के आचार्य तरूण, मुफ्ती साकिर फिरोजपुर झिरका, मौलाना अतहर सहित अधिकांश धर्मगुरुओं से मुलाकात की और सहयोग मांगा। सोमवार को नूंह स्थित सर्किट हाउस में जिले भर के मौलवी मीडिया समन्वयक के बुलावे पर पहुंचे। सभी धर्मगुरुओं ने एकसुर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सद्भाव कार्यशैली की भूरि-भूरि प्रशंसा की और राजा हसन खां मेवाती के शहीद दिवस को सरकारी कैलेंडर में विशेष दिन का दर्जा देने पर आभार जताया। सभी धर्मगुरुओं ने 9 मार्च के शहीद दिवस में बड़ी संख्या में शिकरत करने का आश्वासन दिया।
बैठक में मौलाना याहया करीमी, हाजी रमजान मालब, मौलाना शेर मोहम्मद, मुफ्ती सलीम साकरस, मौलाना मनसूर हसन मालब, मौलवी मकबूल, मुफ्ती खुर्शीद उमरा, कारी जमशेद और हाफिज अब्दुल करीम सहित अनेक गणमान्य मौलवी मौजूद थे। इसी तरह मीडिया समन्वयक ने तावडू में मुफ्ती हाकिम, मौलाना अरशद, हाजी जमील, हाजी जमील को भी कार्यक्रम का निमंत्रण दिया।