कारगिल विजय दिवस पर आज कई कार्यक्रम, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी श्रद्धांजलि
आज यानी 26 जुलाई को देशभर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी दिल्ली में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

दिल्ली (हिंदुस्तान तहलका): आज यानी 26 जुलाई को देशभर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी दिल्ली में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस बीच तीनों सेना प्रमुखों थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक कारगिल दिवस के अवसर पर शहीद वीर सपूतों और सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने खास अंदाज में ट्वीट करते हुए एक स्पेशल वीडियो साझा किया। पीएम मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन। जय हिंद!
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कीं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं। सभी देशवासी, उनके और उनके परिवारजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे। जय हिन्द!
वहीं उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि कारगिल पूरा देश भारतीय सेना की वीरता एवं विजय को नमन कर रहा है। कारगिल विजय दिवस के माध्यम से हम उनके बलिदान को याद करते हैं। मैं देशवासियों को याद दिलाना चाहता हूं कि सेना का हर जवान देश की सेवा में दृढ़ संकल्पित है।
ऑपरेशन विजय में भारतीय सेना ने अपने संकल्प और बहादुरी का परिचय दिया था। सीमा में प्रवेश कर चुके घुसपैठियों को निकालना हमारी प्राथमिकता थी। उस मुश्किल वक्त में हमारे जवानों ने देश सेवा के मार्ग पर चलते हुए दुश्मनों को मुँह तोड़ जवाब दिया।