हिंदुस्तान तहलका / राकेश वर्मा
नूंह – 9 मार्च को नूंह के बड़कली में शहीद राजा हसन ख़ान मेवाती के शहादत दिवस पर आ रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) के आगमन के पहले नूंह विधायक व कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने बीजेपी सरकार (BJP government) को घेरते हुए कहा कि सरकार की नीति और नीयत शहीद राजा हसन ख़ान मेवाती की सरज़मीं व उनके वंशजों के प्रति उदासीन रही है।
सीएलपी (CLP) उपनेता आफताब अहमद ने कहा कि कांग्रेस की भुपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार (Bhupendra Singh Hooda government) में शहीद राजा हसन ख़ान मेवाती को सच्ची ख़िराज ए अकीदत पेश करने के लिए उनके नाम पर मेडीकल कॉलेज की स्थापना की थी, एक हज़ार करोड़ रुपये इसमें खर्च हुआ लेकिन दस सालों से खट्टर सरकार ने इसे बर्बाद करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मेडीकल कॉलेज में 1062 पद हैं लेकिन सिर्फ़ 450 रेगुलर पद भरे हैं, आउटसोर्स से लगाने के बाद भी सरकार ने आज भी 450 पद ख़ाली छोड़ रखे हैं। विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि सरकार बताए क्यों मेडिकल कॉलेज के विस्तार के बजाय उसे एक रेफरल हॉस्पिटल में तब्दील किया गया।
उन्होंने ने कहा कि शहीद राजा हसन ख़ान मेवाती की सरज़मीं से बीजेपी सरकार को मोहब्बत होती तो यहाँ ज़िले में शिक्षकों की सबसे ज़्यादा कमी क्यों है। बताया कि 9379 स्वीकृत पद हैं शिक्षकों के और नूँह ज़िले में 3670 स्थाई शिक्षक हैं। क्यों एनजीओ व गेस्ट लगाने के बाद भी आज भी 3719 शिक्षक हैं ही नहीं। यहाँ के बच्चों को क्यों अच्छी तालीम नहीं लेने देना चाहती बीजेपी सरकार।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि अगर सरकार के मन में भावना होती तो उसके वंशजों को बेहतर शिक्षा स्वास्थ और रोज़गार मुहैया कराती। सरकार के मन में मेवात के प्रति भेदभाव है, यहाँ के भाईचारे को तोड़ने की साज़िश इस सरकार में हुई ,इलाक़े को दंगों की आग में झोंका गया है। 31 जुलाई की दुर्भाग्यपूर्ण घटना इसका सबूत है, हिंसा नूँह गुड़गाँव पलवल फ़रीदाबाद आदि कई जगहों पर हुई। लेकिन सरकार का बुलडोज़र शहीद हसन ख़ान मेवाती की सरज़मीं पर चलता है। क्यों, ये कैसा प्रेम है।
विधायक आफ़ताब अहमद ने गुड़गाँव नमाज़ मामले को याद कराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि नमाज़ पढ़ने की प्रथा जो खुले में हुई है, ये क़तई भी सहन नहीं किया जाएगा, ये प्रेम है। डिंगरहेडी डबल मर्डर गैंग रैप में मुख्यमंत्री के ये छोटी मोटी घटनाएँ हैं वाले बयान को लेकर भी विधायक निशाना गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इलाक़े से प्यार होता तो ईद पर लोगों के खाने की हाँड़ियों में सरकार नहीं झांकती। उन्होंने नासिर-जुनैद हत्याकांड के दौरान सरकार के ग़ैर ज़िम्मेदार रवैये को भी लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कोटला झील का विस्तार नहीं किया गया, यूनानी मेडिकल कॉलेज का काम बंद है, मेवात मॉडल ख़त्म कर दिये, मेवात कैडर निष्क्रिय है, 248 ए का दस साल में एक इंच काम नहीं हुआ, मुंबई एक्सप्रेस वे पर उजीना- मरोड़ा में कट नहीं दिये फिर कैसे माना जाय कि सरकार नूँह ज़िले से भेदभाव नहीं कर रही है। यहाँ के किसानों को गंदा दूषित पानी दिया जाता है जो शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि जब जब चुनाव आता है तब मेवात की याद आती है और झूठी घोषणाएँ की जाती है यही बीजेपी जेजेपी सरकार की सच्चाई है। मेवात कैनाल का दो चुनावों में मुख्यमंत्री शिलान्यास कर चुके हैं लेकिन ज़मीन पर काम नहीं हुआ।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि दरअसल शहीदों के प्रति बीजेपी सरकार कभी गंभीर ही नहीं रही, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों को हीरो कौन बनाने की कोशिश करते हैं ये सारा देश जानता है। विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि दस साल में शहीद हसन ख़ान मेवाती की सरज़मीं को और उनके वंशजों को क्या क्या परियोजनाएँ खट्टर सरकार ने दी, इसकी जानकारी मुख्यमंत्री ज़रूर दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेवात की आवाम के साथ सौतेला व्यवहार बंद करें और यहाँ विकास कार्यों को प्राथमिकता दें।