हिन्दुस्तान तहलका / राकेश वर्मा
नूंह – जिला मुख्यालय नूंह शहर के कब्रिस्तान में जो मुर्दे दफन है, वह पिछले कई महीने से गंदे और दूषित जल में तैर रहे हैं। शहर के लोग खासकर मुस्लिम समाज के लोग कब्रिस्तान से पानी निकासी की दुहाई दे देकर थक गए हैं। स्थानीय विधायक आफताब अहमद ने भी सड़क से लेकर विधानसभा तक इस मुद्दे को मजबूती से उठाया। तब कहीं जाकर आज जिला नगरायुक्त रणवीर सिंह कब्रिस्तान नूंह का जायज लेने के लिए पहुंचे।
आपको बता दें कि नूंह शहर में जल भराव की समस्या कोई नई नहीं है। बरसात का पानी हो या फिर सीवर का पानी, वार्ड नंबर एक और वार्ड नंबर 13 का गंदा पानी कब्रिस्तान में जाकर ठहरता है। इस जगह पर कब्रिस्तान है, जिसमें सैकड़ों कब्र हैं। खास बात यह है कि जलभराव की वजह से इस कब्रिस्तान में अब मुर्दे को दफनाया तक नहीं जा रहा है। पिछले काफी समय से यह समस्या लोगों की नींद उड़ा रही थी, लेकिन जब नवनियुक्त डीएमसी रणवीर सिंह घटना का जायज लेने के लिए पहुंचे तो कांग्रेस तथा भाजपा समर्थक विधायकों में भी वहां नोक झोंक देखने को मिली। कुल मिलाकर अब नूंह शहर के कब्रिस्तान में भरे हुए पानी को निकालने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर करवाई होती हुई दिख रही है। अब देखना यह है कि डीएमसी के दौरे के बाद कई महीने से भरे इस गंदे पानी को कब्रिस्तान से कैसे और कब तक बाहर निकाला जाता है और कब्रिस्तान में भविष्य में पानी ना भरे इसके लिए जिला प्रशासन क्या स्थाई समाधान निकाल पाता है। जब डीएमसी रणवीर सिंह घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे तो उनके साथ नगर परिषद अध्यक्ष संजय मनोचा और कई दलों से जुड़े हुए नगर पार्षद भी मौजूद रहे। कब्रिस्तान व शहर की ग्रांट को लेकर भी कांग्रेस तथा भाजपा के समर्थक पार्षदों में वहां पर कहासुनी तक की भी नौबत आ गई। कुल मिलाकर जल्दी ही अब मुर्दों को गंदे पानी में तैरने से आजादी मिलती हुई दिख रही है, क्योंकि जिला प्रशासन ने अब इस दिशा में कम से कम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और आने वाले इन दोनों चुनाव में नूंह शहर के कब्रिस्तान में भरे बरसाती व गंदे पानी का यह मामला चुनावी मुद्दा भी बन सकता है। इसीलिए देर से ही सही कम से कम सिस्टम ने कब्रिस्तान में भरे हुए पानी की सुध लेनी शुरू कर दी है। जिससे लोगों को अब राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है। हद तो तब हो गई जब पार्षदों के बीच गाली गलौज तक की नौबत आ गई। अगर वहां मौजूद कुछ लोग बीच बचाव नहीं करते तो जूतमपैजार से भी इनकार नहीं किया जा सकता।