हरियाणा से नव-निर्वाचित राज्यसभा सांसद का नाम कार्तिकेय शर्मा या कार्तिक शर्मा ?
गत माह हरियाणा से दो राज्यसभा सीटों के द्विवार्षिक चुनाव हेतु करवाए गए मतदान में निर्वाचित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा और भाजपा के कृष्ण लाल पंवार में से कार्तिकेय के निर्वाचन को उक्त चुनाव में कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार अजय माकन द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटीशन दायर कर चुनौती दी गई है।

चंडीगढ़ (हिंदुस्तान तहलका): गत माह हरियाणा से दो राज्यसभा सीटों के द्विवार्षिक चुनाव हेतु करवाए गए मतदान में निर्वाचित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा और भाजपा के कृष्ण लाल पंवार में से कार्तिकेय के निर्वाचन को उक्त चुनाव में कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार अजय माकन द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटीशन दायर कर चुनौती दी गई है। माकन ने उनकी निर्वाचन याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि कार्तिकेय के पक्ष में एक विधायक द्वारा डाला गया एक वोट अमान्य (रद्द ) किया जाना चाहिए था क्योंकि उस बैलट पेपर पर उपयुक्त स्थान पर वोट (प्रथम वरीयता) को मार्क नहीं किया गया। ज्ञात रहे कि माकन के पक्ष में एक कांग्रेसी विधायक द्वारा डाला गया वोट हालांकि मतगणना दौरान रद्द कर दिया गया था। चूंकि उसमें माकन के नाम के समक्ष प्रथम वरीयता के तौर पर 1 नंबर संख्या की बजाय टिक मार्क ( सही का निशान) लगा दिया गया था जोकि निर्वाचन नियमों के विरुद्ध है।
मतगणना के पश्चात आर.ओ. द्वारा प्रदान इलेक्शन सर्टिफिकेट में लिखा गया कार्तिक शर्मा
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा से नव-निर्वाचित उपरोक्त दोनों राज्यसभा सांसदों को हालांकि चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी (आर.ओ.) आर.के. नांदल, जो हरियाणा विधानसभा के सचिव भी हैं, द्वारा 10 जून को करवाए गए मतदान के बाद देर रात सम्पन्न हुई मतगणना के तुरंत बाद ही इलेक्शन सर्टिफिकेट (निर्वाचन प्रमाण पत्र ) प्रदान कर दिया गया था हालांकि उन दोनों के सम्बन्ध में केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा निर्वाचन की गजट नोटिफिकेशन आगामी मंगलवार 2 अगस्त, 2022 को जारी की जायेगी जिसके बाद ही उक्त दोनों का छः वर्षो का राज्यसभा कार्यकाल प्रारंभ होगा। इसी कारण उक्त दोनों नव-निर्वाचित सांसद पंवार और कार्तिक गत 18 जुलाई को देश के अगले राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल पाए क्योंकि अभी तक वह सांसद नहीं हैं. हालांकि अगले माह 6 अगस्त को होने वाले देश के उपराष्ट्रपति चुनाव में वह दोनों राज्यसभा सांसद के तौर पर मतदान कर पाएंगे।
भारतीय चुनाव आयोग से प्राप्त निर्वाचन रिटर्न, जो आर.ओ. द्वारा हस्ताक्षरित है, में भी कार्तिक शर्मा का उल्लेख
इसी बीच एक रोचक परंतु महत्वपूर्ण प्वाइंट यह भी है कि क्या हरियाणा से नव-निर्वाचित राज्यसभा सांसद का नाम कार्तिकेय शर्मा है या कार्तिक शर्मा। ऐसा इसलिए क्योंकि 31 मई 2022 से अर्थात जब से उन्होंने राज्यसभा चुनाव हेतु नामांकन किया था, तभी से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया आदि पर उन्हें कार्तिकेय शर्मा ही कहा जा रहा है। हालांकि चुनाव में विजयी होने पर मतगणना के पश्चात उन्हें जो इलेक्शन सर्टिफिकेट आर.ओ. द्वारा प्रदान किया गया, उसमें उनका नाम कार्तिकेय शर्मा नहीं बल्कि कार्तिक शर्मा है। हेमंत ने आगे बताया कि उन्हें कुछ दिन पूर्व 15 जुलाई को भारतीय चुनाव आयोग से उपरोक्त राज्यसभा चुनाव के सम्बन्ध में चुनाव के आर.ओ. द्वारा मतगणना के पश्चात तैयार की गयी फॉर्म 23 बी में निर्वाचन रिटर्न की कॉपी प्राप्त हुई है जिसमें भी स्पष्ट तौर पर दर्शाया गया है कि उस चुनाव में भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय कार्तिक शर्मा निर्वाचित घोषित किये है। इसी कारण केंद्रीय विधायी विभाग द्वारा आगामी 2 अगस्त को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 67 और धारा 71 में दो अलग अलग टिफिकेशन्स जारी कर हरियाणा से नव-निर्वाचित उपरोक्त दोनों राज्यसभा सांसदों के निर्वाचन को भारत सरकार के गजट में अधिसूचित किया जाएगा, उसमें भी कार्तिकेय शर्मा के स्थान पर कार्तिक शर्मा का ही उल्लेख किया जाएगा।
आगामी 2 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा भी कार्तिक शर्मा के नाम से जारी होगी निर्वाचन की गजट नोटिफिकेशन - एडवोकेट
हालांकि हेमंत ने बताया कि उपरोक्त नोटिफिकेशन्स जारी होने के बाद वह राज्यसभा सभापति को आवेदन कर संसदीय दस्तावेजों में उनका नाम कार्तिक की बजाये कार्तिकेय करवा सकते हैं। राज्यसभा की सदन संचालन नियमावली में हालांकि सदस्य (सांसद) के नाम में आंशिक बदलाव करने बारे उल्लेख है। ज्ञात रहे कि 31 मई को राज्यसभा चुनाव हेतु नामांकन फॉर्म के साथ संलग्न मुख्य एफिडेविट (हलफनामे) में कार्तिकेय शर्मा द्वारा स्वयं का नाम कार्तिक शर्मा ही दर्शाया गया था परन्तु उसके साथ ही उन्होंने कार्तिकेय शर्मा के नाम से एक अतिरिक्त एफिडेविट मार्फ़त शपथकर्ता (डेपोनेंट) के तौर पर स्पष्ट किया था कि उनका नाम कार्तिकेय शर्मा है. उन्होंने लिखा दरअसल कार्तिक शर्मा और कार्तिकेय शर्मा एक ही व्यक्ति हैं. एफिडेविट में उन्होंने उल्लेख किया है कि सीबीएससी बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा पास सर्टिफिकेट में उनका नाम कार्तिकेय शर्मा सुपुत्र विनोद शर्मा है। हालांकि मतदाता सूची और वोटर आईडी में उनका नाम कार्तिक शर्मा सुपुत्र विनोद शर्मा है। उन्होंने कार्तिक शर्मा के नाम से राज्य सभा चुनाव इसलिए लड़ा था क्योंकि अम्बाला शहर विधानसभा हलका, जो अम्बाला संसदीय (लोक सभा ) क्षेत्र के अंतर्गत पड़ता है, की मौजूदा मतदाता सूची में उनका नाम कार्तिक शर्मा के तौर पर ही दर्शाया जा रहा है।