ऊर्जा संरक्षण बिल्डिंग कोड पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
हरियाणा में ऊर्जा संरक्षण बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) और इको निवास संहिता (ईएनएस) को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), भारत सरकार तथा जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सहयोग से दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

फरीदाबाद (हिंदुस्तान तहलका): हरियाणा में ऊर्जा संरक्षण बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) और इको निवास संहिता (ईएनएस) को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), भारत सरकार तथा जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सहयोग से दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बालाजी शैक्षणिक संस्थानों के निदेशक डॉ. जगदीश चैधरी मुख्य अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. तिलक राज ने की। डॉ. चैधरी ने अपने संबोधन में भवनों में ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। अंकुर तुलस्यान, निदेशक, ड्रीम स्पेस आर्किटेक्ट्स और मनोज सिंह, सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट, एईसीओएम दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान विशेष वक्ता रहे। कार्यशाला के संयोजक एवं ईसीबीसी सेल, हरेडा के सदस्य अब्दुस सलाम आजाद ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला में बताया गया कि ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत देश में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता शुरू की गई है और यह 100 किलोवाट और उससे अधिक के कनेक्टेड लोड या 120 केवीए और उससे अधिक की अनुबंध मांग वाले सभी वाणिज्यिक भवनों पर लागू है। भवन क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सबसे बढ़ते क्षेत्रों में से एक है और इसमें ऊर्जा कुशल भवन डिजाइन के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की काफी संभावनाएं हैं।
ऊर्जा संरक्षण उपायों (ईसीएम) को लागू करके एक इमारत में लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा को बचाया जा सकता है। इसके अलावा, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने इको निवास संहिता (ईएनएस) 2018 और 2021 भी प्रकाशित किया है, जो आवासीय भवनों पर लागू होता है। कार्यशाला में सरकारी विभागों के अधिकारी, पेशेवर आर्किटेक्ट, इंजीनियर, ऊर्जा पेशेवर और विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य शामिल थे। दी गई है। खबरों के मुताबिक गोटबाया राजपक्षे सैन्य विमान से पड़ोसी देश मालदीव की ओर गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक एंटोनोव-32 विमान में सवार चार यात्रियों में 73 वर्षीय नेता, उनकी पत्नी, और एक बॉडीगार्ड भी शामिल थे। वैसे पिछले शुक्रवार से ही गोटबाया गायब थे। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को आज इस्तीफा देना था। हालांकि, पहले ही वह मालदीव भाग गए हैं। ऐसे में में उनके इस्तीफे को लेकर संशय बरकरार है। उधर, श्रीलंका की संसद की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें अब तक राष्ट्रपति का इस्तीफा नहीं मिला है। उम्मीद है कि वह आज ही अपना इस्तीफा सौंप देंगे।