MP में बोले ओवैसी- 'मोदी और शिवराज सुन लो, तुम्हारे पास सत्ता हमेशा नहीं रहेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यामंत्री शिवराज सिंह चौहान पर मध्यप्रदेश के खंडवा पहुंचे AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर निशाना साधा।

खंडवा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यामंत्री शिवराज सिंह चौहान पर मध्यप्रदेश के खंडवा पहुंचे AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को भी नहीं बक्शा। मजलिस के नेता ओवैसी ने रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद बुलडोजर की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। निकाय चुनाव के चलते एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। शनिवार को वह निकाय चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने खंडवा पहुंचे। अपने भाषण के दौरान ओवैसी ने खरगोन, सेंधवा का जिक्र करते हुए वहां हुई बुलडोजर की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। ओवैसी ने कहा कि यहां कम्युनल राइट हुआ और हमको बताया गया कि 7 घरों को डिमॉलिस कर दिया गया।
ओवैसी ने शिवराज पर हमला करते हुए कहा कि मैं भाजपा और इस प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि कौन से कानून के तहत घर को तोड़ा। उन्होंने कहा अवैध निर्माण किया गया और अगर अवैध निर्माण की बात है तो मध्यप्रदेश के 80 फीसदी घर अवैध हैं क्या उनको भी शिवराज तोड़ेंगे। भाजपा मुसलमानों को सामूहिक सजा देना चाहती है। कानून कहता है कि एक महीने का नोटिस मिलना चाहिए, अगर अवैध निर्माण है। लेकिन नहीं आप अखबार, मीडिया में कह देते हैं कि यहां से पत्थर फेंके गए थे, इसलिए हम इस घर को तोड़ देंगे। याद रखो सत्ता कभी इंदिरा गांधी के पास नहीं रही, राजीव गांधी के पास नहीं रही, सत्ता कभी पंडित नेहरू के पास नहीं रही, अटल बिहारी वाजपेयी के पास नहीं रही तो सुन लो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री तुम्हारे पास भी हमेशा सत्ता नहीं रहेगी, तुमसे भी सत्ता छीन ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि ताकत हमेशा किसी के पास नहीं रहती, पर जब ताकत आपके पास है, तब ताकत के नशे में चूर होकर कमजोरों पर जुल्म करना बहादुरी नहीं है। कमजोरों के घरों को तोड़ना तुम्हारी ताकत नहीं है, बल्कि ये तुम्हारी बुजदिली की निशानी है कि तुम कमजोरों के घर तोड़ रहे हो। हिम्मत है तो जाओ, उन बड़े-बड़े पूंजीपतियों के घरों को तोड़ो, उनकी तो ईंट को भी हाथ नहीं लगा सकते, तुम कमजोरों को देखकर उसके घर को बर्बाद कर रहे हो। मगर याद रखो जिस कमजोर को तुम कमजोर समझ रहे हो, वो अल्लाह की नजर में ताकतवर है। उन्होंने यह भी कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री बने, तब 20 कांग्रेसी एमएलए मोदी की गोद में बैठकर चाय पी रहे थे, और मैं जिम्मेदार हूं। क्या मैंने उनसे कहा था कि आओ गुलाबजामुन खाओ और सीधा भाग जाओ। मुझसे पूछकर गए थे क्या, या मुझे फोन किया था कि आपकी क्या राय है। एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा मुसलमानों को हर काम का जिम्मेदार ठहरती हैं। हर चीज में मुसलमान जिम्मेदार है, मुगल जिम्मेदार है। अरे क्या भारत की हिस्ट्री में क्या सिर्फ मुगलों की हुकूमत थी? उसे पहले क्या अशोका की हुकूमत नहीं थी।
कई सरकारें थी लेकिन बीजेपी की आंखों में सिर्फ मुगल दिखता है। एक आंख में मुगल और दूसरी आंख में पाकिस्तान। उन्होंने कहा कि न हम मुगलों के जानशीन हैं और न हमको पाकिस्तान से कोई मतलब है। मगर इनको सब चीज में नजर आती है जिन्ना जिन्ना, अरे जिन्ना से हमको क्या करना है। हमने जिन्ना के पैगाम को ठुकरा दिया. आजादी के 75 साल का जश्न हम 15 अगस्त को मनाने जा रहे हैं. तो भारत में जो 20 करोड़ मुसलमान हैं वो इस बात की गवाही दे रहे हैं कि उनके दादा और परदादा ने पाकिस्तान के पैगाम की ठुकराया था और भारत को अपना वतन ए अजीज बनाया था. भारत हमारा वतन ए अजीज है हम भारत को नहीं छोड़ेंगे। तुम लाख नारे लगा लो छोड़ के जा छोड़ के जा। छोड़ना तो दूर की बात हम जिन्दा रहेंगे तो इस जमीन पर और मरेंगे तो इस जमीन के अंदर जाएंगे। ओवैसी ने कहा कि यहां मौजूद हजारों की तादाद में अवाम का होना बताता है कि खंडवा में, मध्य प्रदेश में नया सियासी इंकलाब लिखा जाएगा।
ओवैसी ने कहा कि खंडवा में हमारी मजलिस के 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। मेयर के लिए भी हमने उम्मीदवार उतारा है। ओवैसी ने कहा कि किसी कौम के लिए 50 साल लंबा अरसा होता है। आपने 50 सालों से दूसरी पार्टियों का साथ दिया। हमने ज्यादातर कांग्रेस का साथ दिया, ये समझकर कि कांग्रेस हमारे मसले हल करेगी। हमने कांग्रेस को वोट दिया इस उम्मीद में कि हमारे मददगाहों की हिफाजत होगी. हमने दूसरी पार्टियों को वोट दिया कि हमारे बच्चों की तालीम का इंतजाम किया जाएगा। एआईएमआईएम के महापौर और पार्षद पद प्रत्याशियों के लिए आमसभा में ओवैसी ने कहा कि मेरे दोस्तों मैं कहना चाहता हूं कि याद रखिए इस बात को कि हममें इतनी ताकत नहीं है कि हम किसी पार्टी को सत्ता में आने से रोक सकें, पर हममें इतनी ताकत जरूर है कि हम एक होकर वोट करके अपने नुमांइदों को कामयाब कर सकते हैं, उन्हें मध्य प्रदेश की विधानसभा में भेज सकते हैं. ताकि आपके मसलों की आवाज बुलंद हो सके।