शाहरुख-अनुष्का को पहना चुकी हैं कपड़े
प्रसिद्ध डिजाइनर मनीष मल्होत्रा को सिखाई कपड़े की कढ़ाई
हिंदुस्तान हलका/ दीपा राणा – फरीदाबाद। हजारों हाथों को कढ़ाई में निपुण करने वाली पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लाजवंती कौर ने रविवार को सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में अपने उत्पादों का स्टॉल लगाया। फुलकारी के फन में माहिर लाजवंती की कपड़ों पर कढ़ाई आमजन से लेकर बॉलीवुड की पसंद है। लाजवंती का कहना है कि बॉलीवुड की कई फिल्मों में उनकी कढ़ाई किए उत्पादों का उपयोग हुआ है। इसी के चलते उनका मुंबई आना जाना भी लगा रहता है। उन्होंने बताया कि यशराज फिल्म के बैनर तले बनी शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म रब ने बना दी जोड़ी में कलाकारों ने उनके कढ़ाई किए कपड़े पहने थे।
मनीष मल्होत्रा को भी सिखाई कढ़ाई
लाजवंती बताती हैं कि उन्होंने प्रसिद्ध डिजाइनर मनीष मल्होत्रा को भी कपड़े की कढ़ाई सिखाई है। वह साड़ी, दुपट्टा, सूट, शॉल, कुशन, जैकेट, आदि पर हाथों से कढ़ाई करती हैं। इन्हीं उत्पादों को लोग अपनी आवश्यकता अनुसार काट कर उपयोग करते हैं। वह सूती, सिल्क, चंदेरी और शिफान पर कढ़ाई करती हैं। लाजवंती के पास 500 रुपए से लेकर एक लाख तक की साड़ी हैं। हालांकि, मेले में लाजवंती 25 हजार रुपए तक के कपड़े लेकर ही पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ करीब एक हजार महिलाएं काम कर रही हैं। उनके बनाए उत्पादों को देशभर में बेचा जाता है।
नानी और मां से सीखी फुलकारी की कला
लाजवंती कौर व उनके बेटे बबलू की स्टॉल मेले में थोड़ी दूर है। इससे वह नाराज हैं। उनका कहना है कि दूर स्टॉल होने के कारण लोग कम पहुंच रहे हैं। इसमें सुधार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने पार्किंग और एंट्री फीस कम करने की मांग उठाई। उनका कहना है कि दिल्ली में स्टॉल लगाते हैं तो वहां अच्छा रिस्पांस मिलता है। पटियाला के त्रिपुरी की रहने वाली लाजवंती करीब 6 साल की उम्र में अपनी नानी और मां को फुलकारी की कला को कपड़े पर उतारते देखा था। देश विभाजन के समय लाजवंती का परिवार पाकिस्तान के मुल्तान से इस कला को साथ लेकर आया।
2021 में मिला पद्मश्री सम्मान
उन्होंने बताया कि तभी से वह इस काम को कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नानी और मां के हाथ से कला को सीख कर हजारों परिवारों को संवारने का काम किया है। फुलकारी को समृद्ध करने के लिए लाजवंती को वर्ष 2021 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया। उनके चारों बच्चों को फुलकारी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला हुआ है।