अरावली को बचाने के लिए पौधारोपण जरूरीः डाॅ विनय गुप्ता

फरीदाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता ने अरावली पर्वतीय क्षेत्र में वनों की कटाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे न केवल पर्यावरण प्रभावित हुआ है बल्कि वन्यजीवों का जीवन भी मुश्किल हो गया है।

अरावली को बचाने के लिए पौधारोपण जरूरीः डाॅ विनय गुप्ता

फरीदाबाद (हिंदुस्तान तहलका): फरीदाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता ने अरावली पर्वतीय क्षेत्र में वनों की कटाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे न केवल पर्यावरण प्रभावित हुआ है बल्कि वन्यजीवों का जीवन भी मुश्किल हो गया है। अरावली पर्वतीय क्षेत्र को मिट्टी के कटाव और मरुस्थलीकरण के बढ़ते खतरे से बचाने के लिए पौधारोपण ही एकमात्र उपाय है। डॉ. गुप्ता जे.सी. बोस बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा द्वारा ‘हरियाली पर्व’ के अंतर्गत महीने भर चलने वाले पौधारोपण अभियान को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस. के. तोमर ने की। उल्लेखनीय है कि हरियाली पर्व को चिह्नित करने के लिए, विश्वविद्यालय द्वारा पौधारोपण अभियान शुरू किया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित हस्तियों को पौधारोपण अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग, डीन (काॅलेज) प्रो. तिलक राज, निदेशक, युवा कल्याण डॉ. प्रदीप डिमरी, पर्यावरण इंजीनियरिंग की विभागाध्यक्ष डॉ रेणुका गुप्ता, डिप्टी डीन डाॅ. अनुराधा पिल्लई, डाॅ. हरीश कुमार और डीएसडब्ल्यू कार्यालय एवं वसुंधरा ईसीओ क्लब के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। 

कुलपति प्रो. तोमर ने डॉ. विनय गुप्ता को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। डाॅ विनय गुप्ता के साथ उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गजराज सिंह और डॉ सुशील अहलावत ने भी विश्वविद्यालय के पौधारोपण अभियान में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. गुप्ता ने विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि अधिक से अधिक पेड़ लगाने के साथ-साथ पौधों की उचित देखभाल पर भी ध्यान दिया जाये। 

इस अवसर पर कुलपति प्रो. तोमर ने कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों के महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान ऑक्सीजन की स्थिति चिंताजनक थी और ऐसी स्थिति से हर कोई स्तब्ध था। वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण ऐसी स्थिति कभी भी उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें पौधे लगाने और उनका संरक्षण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहा है, बल्कि पौधों के पेड़ बनने तक उनके विकास को भी सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है। कार्यक्रम के अंत में प्रो. तिलक राज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।