-सम्मेलन में पावर सेक्टर से जुड़ी दर्जनों कंपनियां पहुंची
हिन्दुस्तान तहलका / दीपा राणा
फरीदाबाद – विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) कॉर्पोरेट कार्यालय सेक्टर – 33 में भारतीय पावर सेक्टर में पीएसयू और निजी कंपनियों के एचआर के लिए पावर मानव संसाधन शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस शिखर सम्मेलन में मुख्य अतिथि चीफ इंजीनियर राकेश गोयल, मुख्य वक्ता मेजर जनरल राजेश कुमार झा,एवीएसएम (सेवानिवृत्त), निदेशक (कार्मिक), नीपको, एनपीटीआई महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर, एनपीटीआई की प्रधान निदेशक डॉ. मंजू, प्रशिक्षण निदेशक एनआर हलदर उपस्थित रहे।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आपसी सहयोग को बढ़ावा देना और उभरते ऊर्जा परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए नवीन रणनीतियों का पता लगाना रहा। पावर मानव संसाधन शिखर सम्मेलन में पावर सेक्टरों से जुडे़ विभिन्न संगठनों जैसे एनएचपीसी, आरईसी, डीवीसी, सीईए, एमपीपीजीओएल, दिल्ली ट्रांसको, बीएसईएस, टीएचडीसी, पीएसटीसीएल, बीबीएमबी आदि के उच्च मानव संसाधन अधिकारियों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
इस दौरान महानिदेशक एनपीटीआई की उपस्थिति में एनपीटीआई और नीपको के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। एमओयू पर हस्ताक्षर एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर और नीपको के निदेशक (कार्मिक) मेजर जनरल राजेश कुमार झा द्वारा किए गए। यह एमओयू नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉपोरेशन लिमिटेड( नीपको) ने भारत में हाइड्रो, थर्मल, नवीकरणीय ऊर्जा और पारस्परिक हित के अन्य क्षेत्रों में नीपको के कर्मचरियों को संयुक्त रूप से प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया है।
एनपीटीआई और सीईए के अधिकारियों ने बिजली क्षेत्र में संगठन की पहल और रणनीतियों के बारे में प्रस्तुतियां साझा कीं। शिखर सम्मेलन का मुख्य आकर्षण “बदलते ऊर्जा परिदृश्य“ पर एक पैनल चर्चा थी, जिसका संचालन एनपीटीआई-बदरपुर नई दिल्ली के निदेशक और संस्थान प्रमुख डॉ. इंदु माहेश्वरी ने किया। पैनल में आरपी शर्मा, ईडी (ईएमएस), एनएचपीसी, दिगंत बोहरा, डीजीएम (एचआर), नीपको, अभिषेक रंजन, पार्टनर, ईएंडवाई और पुनीत जैन, एवीपी (एचआर), बीआरपीएल, बीएसईएस राजधानी शामिल रहे। एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन उद्योग हितधारकों के बीच सहयोग, ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान करने का काम करते हैं। एनपीटीआई बिजली क्षेत्र के सभी कार्यक्षेत्रों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसे बिजली योद्धाओं को तैयार करने में सबसे आगे है जो बिजली प्रणाली को बनाए रखने और सुरक्षित कर सकते हैं।