जल शक्ति अभियान के कामों को पोर्टल पर डालें : डीसी जितेन्द्र यादव

डीसी जितेन्द्र यादव ने निर्देश दिए हैं कि जल शक्ति अभियान के तहत किए जाने वाले सभी कार्यों को संबंधित पोर्टल पर तुरंत अपडेट करें।

जल शक्ति अभियान के कामों को पोर्टल पर डालें : डीसी जितेन्द्र यादव

फरीदाबाद : डीसी जितेन्द्र यादव  ने  निर्देश दिए हैं कि जल शक्ति अभियान के तहत किए जाने वाले सभी कार्यों को संबंधित पोर्टल पर तुरंत अपडेट करें। काम होने के बाद भी ऑनलाइन अपडेट नहीं होने के कारण जिला की प्रगति कम दिखती है। ऐसे में सभी विभागों के अधिकारी इस कार्य की स्वयं समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला में जल शक्ति अभियान को लेकर काफी अच्छा कार्य हो रहा है। लेकिन इन कार्यों को ऑनलाइन अपडेट नहीं किया गया है। जिसके कारण जिला की प्रगति पीछे दिख रही है। ऐसे में सभी विभागों के अधिकारियों को स्वयं इसकी समीक्षा करते हुए कामों के पूरा होते ही इनकी स्थिति जल शक्ति अभियान पोर्टल पर अपडेट करवाना सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से जल शक्ति अभियान को एक आंदोलन के तौर पर क्रियान्वित किया जा रहा है और इसको लेकर जिला के लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं।

सीईओ जिला परिषद कम जल शक्ति अभियान टू के नोडल अधिकारी सतेन्द्र दुहन ने कहा कि जल शक्ति अभियान और अटल भू-जल योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को निश्चित समय अवधि में पूरा करने के लिए सबको मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने जल शक्ति अभियान कैच द रेन-2022 को उसी जोश और उत्साह के साथ जारी रखने का निर्णय लिया है। इस अभियान का उद्देश्य पांच लक्ष्यों को रख कर किया गया है, जिसमें जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, पारंपरिक और अन्य जल निकायों का नवीनीकरण, पानी का पुन: उपयोग और संरचनाओं का पुनर्भरण, वाटरशेड विकास, गहन वनरोपण करना है। आपको बता दें  आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में बनाए जा रहे अमृत सरोवर और बरसाती पानी के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग बेहतर सिस्टम है। जल शक्ति अभियान के तहत बरसाती पानी को सहेजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अच्छा माध्यम है।  सरकार द्वारा सभी सरकारी संस्थाओं, कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इससे बरसात के दौरान छतों का पानी पाईपों के जरिए इस केंद्र तक पहुंचाकर बोरवेल में डाला जा सकेगा, जिससे भू जलस्तर में सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि बरसाती पानी के संचयन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होने से परिसर में कहीं पर भी जलभराव की समस्या भी नहीं रहेगी। साथ ही पानी का सदुपयोग भी हो सकेगा। साथ ही  वर्तमान समय में गिरते जलस्तर को रोकने के लिए जल संरक्षण की सख्त आवश्यकता है। इसके लिए सरकारी कार्यालयों के अलावा मकानों की छतों के बरसात के पानी को हम जमीन के नीचे तक पहुंचाकर जलस्तर को ऊपर ला सकते हैं,जिसके चलते रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का होना बेहद जरूरी है। इस प्रणाली के तहत हम न केवल सरकारी संस्थान बल्कि अपने घरों में एकत्र होने वाले बरसात के पानी को व्यर्थ न बहाकर पाइप व नालियों द्वारा पुराने कुओं तथा बेकार हो चुके ट्यूबवेलों में डाल दें तो इससे जलस्तर बढऩे की संभावना होती है। इसके लिए बहुत कम खर्च में साधारण तरीका अपनाया जा सकता है। इसमें भवन के साथ छत के पाइप से आने वाले पानी को नालियों में डाला जाता है। वह नाली निर्धारित नलकूप या गड्ढे तक वर्षा जल पहुंचता है। इस गड्ढे में नीचे बजरी व उसके ऊपर पड़े पत्थरों से पानी में गंदगी नहीं रहती। इससे बरसात का पानी साफ हो जाता है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए नकारा नलकूपों को भी रिचार्ज किया जा सकता है।

इससे जहां भूजल रिचार्ज होगा, वहीं वर्षा का जल संरक्षित भी कर सकते हैं। इसमें पैसे का भी ज्यादा खर्चा नहीं आएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बरसात का पानी जमीन के अंदर चला जाएगा। इस व्यवस्था से भूजल स्तर में भी काफी सुधार होगा। बरसाती पानी सहेजने के लिए जागरूक किया जा रहा है, ताकि आने वाली पीढिय़ों के लिए जल का संचयन हो।  जिलाभर में आजादी अमृत महोत्सव के चलते अमृत सरोवरों का कार्य प्रगति पर है। जिला में जल संचयन को लेकर चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।  जन भागीदारी के साथ जिला में बारिश की एक-एक बूंद के संचय का पूरा प्रयास किया जाएगा। जिला प्रशासन जल संरक्षण के लिए पूरी तरह सजग है। आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक जल बचाया जा सके।  ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक साथ कैच द रेन-जहां भी, जब भी संभव हो वर्षा के जल का संग्रह करने के लिए आमजन को जागरूक किया जा रहा है।