Thursday, September 5, 2024
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दुनिया की शीर्ष 300 सहकारिताओं में नंबर वन पर रही सहकारी संस्था

-डबल्यूसीएम रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है

हिन्दुस्तान तहलका / नितिन गुप्ता, मुख्य संपादक

नई दिल्ली/ फरीदाबाद – इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) को पुनः दुनिया की शीर्ष 300 सहकारिताओं में पहला स्थान मिला है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। यह दर्शाता है कि इफको राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आई सी ए) की 12वीं वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट के 2023 संस्करण के अनुसार यह देश के सकल घरेलु उत्पाद एवं आर्थिक विकास में इफको के कारोबारी योगदान को दर्शाता है। कुल कारोबार के मामले में इफको पिछले वित्तीय वर्ष के अपने 97वें स्थान के मुकाबले 72वें स्थान पर पहुंच गया है। अपनी 35,500 सदस्य सहकारी समितियों, 25,000 पैक्स और 52,400 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के साथ इफको ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की ओर अग्रसर सहकार से समृद्धि का सशक्त उदाहरण है।

इफको ने पिछले कई वर्षों से अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है जो इफको और इसके प्रबंधन के सहकारी सिद्धांतों में अटूट भरोसे का प्रमाण है। इसे देश में मजबूत सहकारी आंदोलन के प्रतीक के रूप में भी देखा जा सकता है, जिसे केंद्र द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन और अमित शाह , गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार के कुशल नेतृत्व से गति मिली है। मंत्रालय द्वारा की गई पहल से अनुकूल माहौल बना है और भारत में सहकारिता आंदोलन को फलने-फूलने में मदद मिली है।

प्रधानमंत्री के ध्येय “सहकार से समृद्धि” से प्रेरणा लेते हुए और विभिन्न फसलों पर वर्षों की कड़ी मेहनत, अनुसंधान और प्रयोग की बदौलत इफको ने किसानों के लिए दुनिया का पहला नैनो यूरिया और नैनो डीएपी विकसित किया।

IFFCO खरीद रहा है 2500 कृषि ड्रोन

इफको नैनो उर्वरकों के साथ-साथ जैव-उर्वरक, सागरिका जैसे जैव-उत्तेजक और कृषि-रसायन आदि के छिड़काव के लिए सहायक उपकरण और स्पेयर के साथ 2,500 कृषि ड्रोन खरीद रहा है। इफको 5000 से अधिक ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण देगा और 2500 कृषि ड्रोन का वितरण करेगा। साथ ही, इफको ग्रामीण स्तर पर योग्य उद्यमियों की पहचान करने में लगा है जिन्हें “प्रमाणिक चालक” के रूप में ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। ये ड्रोन इन ग्रामीण उद्यमियों के प्रशिक्षण के स्थान और कार्यक्रम के अनुसार उपलब्ध कराये जाएंगे।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि “यह इफको और भारतीय सहकारिता आंदोलन के लिए गौरव का क्षण है। इफको किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि देश भर के किसानों का विकास सुनिश्चित हो सके और सहकारिता आंदोलन को मजबूत किया जा सके।  हम कृषि क्षेत्र के विकास हेतु नैनो तकनीक आधारित ‘इफको नैनो यूरिया तरल’ से शुरू करते हुए अन्य वैकल्पिक उर्वरक ला रहे हैं।   बाद में, इफको ने इफको नैनो डीएपी लांच किया जिसका हाल ही में भारत सरकार के वार्षिक बजट में उल्लेख किया गया था।

इस रिपोर्ट में इफको को मिला स्थान ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना को बढ़ावा देने तथा ‘आत्मानिर्भर भारत’ और ‘आत्मानिर्भर कृषि’ के सपने को साकार करने की दिशा में भारतीय सहकारिता के उत्साहजनक कदम को दर्शाता है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के ध्येय से प्रेरणा लेते हुए इफको नैनो तकनीक आधारित इफको नैनो यूरिया (तरल) और इफको नैनो डीएपी (तरल) के सफल लॉन्च के साथ नवाचार के पथ पर अग्रसर है। ये ऐसे उत्पाद हैं जिसमें परंपरागत कृषि के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता है। गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय से मिल रहे सहयोग से हमारे प्रयासों को गति मिली है।

इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस और यूरोपियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज ने 25 जनवरी 2024 को हुए अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के दौरान वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर का 2023 संस्करण जारी किया। यह 12वीं वार्षिक रिपोर्ट है जो दुनिया भर की सबसे बड़ी सहकारिताओं और उनके आर्थिक और सामाजिक प्रभाव की पड़ताल करने के साथ-साथ शीर्ष 300 सहकारिताओं की रैंकिंग, सेक्टर रैंकिंग और वर्तमान वैश्विक चुनौतियों मुख्यत: कोविड और जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिक्रिया का विश्लेषण करती है।

इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए गहन शोध और सहयोग सहकारी आंदोलन को अपनी स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण प्रदान करता है और दुनिया भर में लोक और नीति-निर्माताओं के लिए सहकारी उद्यमों के महत्व पर प्रकाश डालता है।

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