इन 5 बुरी आदतों से बन सकते है बदकिस्मत
हर बुरे परिणाम के पीछे भाग्य से ज्यादा हमारी बुरी आदतों का दोष होता है. ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय ने ऐसी कई बुरी आदतों को बारे में विस्तार से बताया है जो निश्चित तौर पर हमारे भाग्य का खेल बिगाड़ती हैं। आइए जानते हैं ये बुरी आदतें कौन सी हैं।

हर बुरे परिणाम के पीछे भाग्य से ज्यादा हमारी बुरी आदतों का दोष होता है ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय ने ऐसी कई बुरी आदतों को बारे में विस्तार से बताया है जो निश्चित तौर पर हमारे भाग्य का खेल बिगाड़ती हैं। आइए जानते हैं ये बुरी आदतें कौन सी हैं।
इंसान के जीवन में जब भी कुछ बुरा होता है तो वो सबसे पहले अपनी किस्मत को कोसने लगता है। जबकि हर बुरे परिणाम के पीछे भाग्य से ज्यादा हमारी बुरी आदतों का दोष होता है। ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय ने ऐसी कई बुरी आदतों को बारे में विस्तार से बताया है जो निश्चित तौर पर हमारे भाग्य का खेल बिगाड़ती हैं। आइए जानते हैं ये बुरी आदतें कौन सी है।
नाखून चबाना - अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को नाखून चबाने की बड़ी बुरी आदत होती है। ज्योतिषविद की मानें तो नाखून चबाने से हमारी कुंडली में सर्य कमजोर होता है, जिससे हमें अपयश की प्राप्ति होती है। यानी समाज में बदनामी का स्तर बढ़ता है।
पैर घसीटकर चलना - कुछ लोगों को पैर घसीटकर चलने की बुरी आदत होती है। ऐसा करने से हमारा वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है। इससे शादीशुदा जीवन में बेवजह की तू-तू मैं-मैं बढ़ती है। इसलिए हमेशा पैर उठाकर चलने की कोशिश करनी चाहिए।
बिखरे हुए जूते-चप्पल - घर में जो लोग जूते-चप्पल बिखेरकर रखने से भी हमारे भाग्य पर बुरा असर होता है। ऐसा करने से जीवन में अनावश्यक भागदौड़ बढ़ती है। जिस काम के लिए ऐसी भागदौड़ की जाती है, उनमें भी इंसान को सफलता मिलना मुश्किल हो जाता है
घर के आस-पास गंदगी - ज्योतिषविद का कहना है कि घर में या घर के आस-पास गंदगी फैलाने से कुंडली में शुभ योग भंग हो जाते हैं। इस तरह गंदगी फैलाकर रखने जीवन की शुभता नष्ट हो जाती है। इसलिए जीवन में सुख और संपन्नता को कायम रखने के लिए बहुत सारे प्रयास करने होते है, जिसमें घर की स्वच्छता भी शामिल है।
बिखरी ही रसोई - अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोगों की रसोई बहुत ज्यादा फैली और बिखरी हुई रहती है। रसोई में बर्तन या मसाले के डिब्बों को यूं ही फैलाकर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से लोगों को पैसों का अनावश्यक नुकसान होता है। घर में खर्चे बढ़ते हैं और हाथ में पैसा नहीं रुकता है।