रेडियो कॉमेंट्री विषय जे.सी बोस विश्वविद्यालय में हुई कार्यशाला आयोजित

जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रेडियो कॉमेंट्री विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया

रेडियो कॉमेंट्री विषय जे.सी बोस विश्वविद्यालय में हुई कार्यशाला आयोजित

फरीदाबाद : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रेडियो कॉमेंट्री विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें ऑल इंडिया रेडियो रोहतक के उद्घोषक  संपूर्ण सिंह बागड़ी मुख्य वक्ता रहे। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि रेडियो का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। शब्दों को सुनने से ही दिमाग में छवियां बनती हैैं और वो याद रह जाती हैं। इसलिए रेडियो पर बोले गए शब्द सुनने पर अपने सामने दृश्य समान प्रतीत होते है। रेडियो कल्पनाशीलता को बढ़ाता है। इस कार्यशाला में पत्रकारिता के साथ-साथ एनीमेशन एवं मल्टीमीडिया के छात्रों ने भी हिस्सा लिया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पवन सिंह मलिक  कहा कि रेडियो व्यवहार और बातचीत का सलीका सिखाता है। रेडियो की सबसे अधिक विशेषता श्रोताओं से सरल भाषा में जुड़ना होती है।

उन्होंने कहा कि वही भाषा सरल है जो श्रोताओ को जोड़ सके। विभाग के डीन प्रो. अतुल मिश्रा ने भी विभाग द्वारा किए जा रहे इस तरह के आयोजनों की सरहाना की। कार्यशाला के दौरान रेडियो में रचनात्मक प्रस्तुति की बारीकियों को समझाते हुए मुख्य प्रशिक्षक सम्पूर्ण सिंह बागड़ी ने कहा कि निश्चित रूप से रचनात्मकता और प्रस्तुति शैली में गहरा सम्बन्ध है, लेकिन तथ्यपरकता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। इस दौरान विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी में अपार प्रतिभा हैं जिन्हें सिर्फ सही मार्गदर्शन और आत्मविश्वास की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों को वॉइस मॉड्यूलेशन, रेडियो के लिए कार्यक्रमों की अलग अलग विधाओं के बारे में गहनता से समझाया। कार्यशाला के अंत में विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ तरुण नरूला ने धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए कहा की विभाग समय-समय पर विद्यार्थियों के लिए इस तरह के आयोजन करता रहता है ताकि बच्चों को मीडिया से संबंधित हर क्षेत्र का ज्ञान मिले।