तहलका जज्बा / पंकज सविता
फरीदाबाद। बहन-भाई के अटूट प्रेम को समर्पित भैया दूज का त्योहार शहर में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। बहनें सुबह से ही भाइयों के घर पहुंचने लगी थीं। उन्होंने भाइयों का तिलक कर उनके दीर्घायु और सुखद जीवन की मंगल कामना की। भाइयों ने भी बहन को रक्षा का वचन दिया। साथ ही शगुन स्वरूप उन्हें नगदी एवं अन्य उपहार भेंट किए। विवाहिता महिलाएं इस पर्व पर मायके आईं और भाइयों को तिलक किया। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से पूजा की जाए, तो भाई-बहनों के ऊपर से अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है।
भैया दूज भाई-बहनों के अटूट विश्वास एवं प्रेम का प्रतीक त्योहार है। बहनों ने शुभ मुहूर्त देखकर अपने भाई का तिलक किया। उनकी लंबी उम्र की कामना की। मान्यता है कि इस दिन यमुना में स्नान, दीपदान का महत्व है। इस दिन बहनें, भाइयों की लंबी उम्र के लिए यम की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। कहा जाता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से स्नेह और प्रसन्नता से मिलता है, उसके घर भोजन करता है, उसे यम के भय से मुक्ति मिलती है। भैया दूज पर बहनों ने रोली व अक्षत से अपने भाइयों का तिलक कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
ट्रैन, मेट्रों एवं बसों में भी रही भारी भीड़
भैया दूज को लेकर शनिवार शाम से ही ट्रैन, मैट्रो एवं बसों में यात्रियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई थी। भैया दूज पर अन्य दिनों के मुताबिक रविवार सुबह से ज्यादा भीड़ रही। हरियाणा रोडवेज बल्लभगढ़ प्रबंधक लेखराज के अनुसार रक्षाबंधन की तरह भैया दूज त्यौहार पर हरियाणा रोडवेज ने 32 अतिरिक्त बसें आज आगरा, अलीगढ समेत अन्य रूठों पर चलाईं। यात्रियों के आवागमन तक बसें चलती रहेंगी। कुछ लोग दीपावली पर्व पर पहले ही अपने घर पहुंचे हुए थे। शाम तक उनकी घर वापसी भी रही इस कारण अधिक भीड़ देखी गई। राजधानी से सटे फरीदाबाद शहर में ट्रैन और मेट्रो से भी लोगों का आना जाना रहा जिसके चलते इनमें भी खूब भीड़ रही है।

क्या है भैया दूज त्योहार की मान्यता
प्राचीन कथाओं के अनुसार भगवान यमराज की बहन यमुना अपने भाई से दीर्घ काल दूर रहने के बाद इस दिन मिलती है। यम और यमुना सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के बच्चे हैं। कहा जाता है कि यम जब यमुना के घर गए तो उनकी बहन ने तिलक लगाया और भाई को भोजन करवाया। यमुना ने भाई यम का इतने अच्छे से स्वागत किया कि भाई यम ने उसे खुश होकर वरदान मांगने के लिए कहा। वरदान में यमुना ने अपने भाई से कहा कि हर साल आप इस दिन मेरे घर आना।इस पर यमराज ने अपनी बहन को हमेशा इस दिन उसके पास आने का वचन दिया। एक अन्य कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के घर का रुख किया था। कृष्ण की बहन सुभद्रा ने दीये जलाकर भाई का स्वागत किया था और तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ मांगी थी। इसी को देख हर भाई-बहन ने भाई दूज को मनाना शुरू किया।