– छोटे व्यापारियों के लिए ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना-2025’ को मंजूरी
नितिन गुप्ता, मुख्य संपादक
तहलका जज्बा / चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बार फिर छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने और राज्य में व्यापार के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। संकल्प पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए सरकार ने कर बकाया राशि की वसूली के लिए ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना 2025‘ शुरू की है, जिसका उद्देश्य जीएसटी व्यवस्था से पहले के अधिनियमों के तहत मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना, बकाया राशि की वसूली में तेजी लाना और छोटे करदाताओं को राहत देना है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में वीरवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना 2025‘को मंजूरी दी गई।
योजना से 2 लाख से अधिक करदाताओं को मिलेगा लाभ
जीएसटी से पहले के सात अधिनियमों के तहत बकाया कर देनदारियों के निपटान के लिए तैयार की गई नई योजना में, किसी एक अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को 1 लाख रुपये तक की रियायत दी जाएगी। साथ ही, शेष मूल कर राशि का 60 प्रतिशत भी माफ किया जाएगा। इसके अलावा, 10 लाख रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को भी उनकी कर राशि पर 50 प्रतिशत की रियायत मिलेगी। इस योजना से 2 लाख से अधिक करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।विशेष रूप से, इस योजना का लाभ उठाने वाले सभी करदाताओं की ब्याज और जुर्माना राशि पूरी तरह से माफ कर दी जाएगी। 10 लाख रुपये से अधिक की निपटान राशि वाले करदाताओं को अपनी मूल राशि दो किस्तों में चुकाने की अनुमति होगी। यह योजना सात अधिनियमों के तहत परिमाणित बकाया राशि के लिए लागू है, अर्थात् हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 (2003 का 6), केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 (1956 का केंद्रीय अधिनियम 74), हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000 (2000 का 13), स्थानीय क्षेत्रों में वस्तुओं के प्रवेश पर हरियाणा कर अधिनियम, 2008 (2008 का 8), हरियाणा विलासिता कर अधिनियम, 2007 (2007 का 23), पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955 (पंजाब अधिनियम 16, 1955), हरियाणा सामान्य बिक्री कर अधिनियम, 1973 (1973 का 20)।
योजना की मुख्य विशेषताएं
यह एक सरलीकृत योजना है। पुरानी योजना के विपरीत इसमें कर का कोई वर्गीकरण नहीं है; जैसे स्वीकृत कर, विवादित कर, निर्विवाद कर या अंतर कर। इसके अलावा, नई योजना में ब्याज और सभी प्रकार के दंड माफ किए गए हैं। जिन छोटे करदाताओं का संचयी परिमाणित कर बकाया 10 लाख रूपये तक है, उन्हें अपने संचयी कर बकाया में से 1 लाख रुपये का कर काटने के बाद केवल 40 प्रतिशत का भुगतान करना होगा, और अन्य जिनका संचयी बकाया 10 करोड़ रुपये तक है, उन्हें संचयी कर बकाया का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा। यह योजना नियत दिन से 120 दिनों के लिए खुली रहेगी। जिस करदाता की निपटान राशि 10 लाख रुपये से अधिक आती है, वह निपटान राशि दो किस्तों में दे सकता है।

दिव्यांगजनों के लिए नायब सरकार का बड़ा फैसला,पेंशन नियमों में दी संशोधन को मंजूरी
बैठक में हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत 21 प्रकार की दिव्यांग श्रेणियों को शामिल किया गया है। वर्तमान में, हरियाणा सरकार 11 श्रेणियों में दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ प्रदान कर रही है। अब हरियाणा सरकार ने शेष 10 श्रेणियों को भी लाभान्वित करने का फैसला किया है, जिसके तहत 32,000 दिव्यांगजन लाभान्वित होंगे। इन 10 श्रेणियों में प्रमस्तिष्क घात, मांसपेशीय दुर्विकास, वाक् और भाषा दिव्यांगता, बहु-स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सिकल कोशिका रोग, बहु-दिव्यांगता, विनिर्दिष्ट सीख दिव्यांगता, स्वपरायणता स्पेक्ट्रम विकार और चिरकालिक तंत्रिका दशाएं शामिल है। वर्तमान में, यूडी आईडी पोर्टल के अनुसार हरियाणा में 2,08,071 लाभार्थियों को दिव्यांग पेंशन के रूप में 3 हजार रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं। अब नियमों में शेष 10 दिव्यांगता श्रेणियों को शामिल करने से लगभग 32 हजार व्यक्ति इस पेंशन का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
इसके अलावा, बैठक में हीमोफिलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आयु सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में हीमोफिलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए आयु सीमा न्यूनतम 18 साल है। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि हीमोफीलिया, थैलेसीमिया व सिकल सैल एनीमिया के लिए वित्तीय सहायता पहले से प्राप्त किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त होगी। यह सरकार की दिव्यांगजनों के कल्याण व स्वस्थ बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता है और यह सुनिश्चित करना है कि वे सुखद जीवन के लिए सरकार से आवश्यक सहयोग प्राप्त करते रहें।

हरियाणा 2030 तक बनेगा प्रदूषण मुक्त, डीपीआर को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2029-30 तक की अवधि के लिए सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना (हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट) को मंजूरी दी गई। इस परियोजना का उद्देश्य भारत-गंगा के मैदान ( इंडो गंगेटिक प्लेन) में वायु की गुणवत्ता में सुधार करना और प्रदूषण के उत्सर्जन को कम करना है, जो कई राज्यों की सीमाओं में फैला हुआ है। सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना को विश्व बैंक द्वारा मदद दी जा रही है। यह खास पहल हरियाणा सरकार की है। इस परियोजना के लिए कुल प्रस्तावित बजट 3,647 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को विश्व बैंक के परिणाम कार्यक्रम (PforR) तंत्र के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा।
यह परियोजना राज्य में वायु गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत करने में सहायता करेगी, साथ ही भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में के साथ भी तालमेल बनाएगी। यह क्षेत्र-विशिष्ट वायु प्रदूषण निवारण उपायों को डिजाइन करने और लागू करने तथा सीमा-पार उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत-गंगा के मैदान (आईजीपी) राज्यों के बीच समन्वय को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना का उद्देश्य हरियाणा के शहरों में नागरिकों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ को बढ़ाना भी है।
सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना में इसकी प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए तीन स्तरीय शासी संरचना होगी। शीर्ष स्तर पर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली शासी समिति तिमाही आधार पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेगी। दूसरे स्तर पर, संचालन समिति का नेतृत्व पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे, जिसमें सदस्य कार्यान्वयन विभागों के निदेशक होंगे। संचालन समिति मासिक आधार पर परियोजना के तहत प्रगति की समीक्षा करेगी। परियोजना के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए हरियाणा सतत विकास कार्यान्वयन प्रकोष्ठ (एचसीएपीएसडी प्रकोष्ठ) के लिए स्वच्छ वायु परियोजना का गठन किया जाएगा। इस प्रकोष्ठ का नेतृत्व परियोजना निदेशक, अर्थात हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के सदस्य सचिव, या सरकार द्वारा नियुक्त किसी अन्य अधिकारी द्वारा किया जाएगा। परियोजना के प्रभावी और समय पर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर समय-समय पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे। एक अतिरिक्त परियोजना निदेशक एचसीएस रैंक का अधिकारी या सरकार द्वारा नियुक्त कोई अन्य अधिकारी होगा, जो इन पहलों के दिन-प्रतिदिन के क्रियान्वयन के लिए होगा। क्षेत्रवार पहलों के क्रियान्वयन के लिए, एचसीएपीएसडी कार्यान्वयन प्रकोष्ठ नामित विभागों के संबंधित उप समन्वय अधिकारियों के साथ समन्वय करेगा। पर्यावरण विभाग परियोजना के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने में सभी विभागों की सहायता के लिए एक पूर्णकालिक कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (पीएमयू) को नियुक्त करेगा। उपरोक्त के अलावा, एक राज्य-व्यापी फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया जाएगा और 24 ‘स्वच्छ वायु राजदूतों ( क्लीन एयर अम्बेसडर ) (सभी जिलों में एक-एक और गुरुग्राम और फरीदाबाद में दो-दो) को परियोजना कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर क्षमता बढ़ाने के लिए शामिल किया जाएगा। हरियाणा के पूर्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में राजस्थान है। यह इंडो गंगा मैदान के राज्यों में से एक है जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
कॉम्फेड, एचएमएल तथा हथकरघा एवं निर्यात निगम के पूर्व कर्मचारियों को दी राहत
हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य लघु सिंचाई एवं नलकूप निगम की तर्ज पर कान्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) तथा हथकरघा एवं निर्यात निगम के उन पूर्व कर्मचारियों से वसूली योग्य राशि माफ करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत लाभ प्राप्त किया था। इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। निर्णय के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2020 से पहले की अवधि के लिए भुगतान की गई कुल मूल राशि, कॉनफेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) और हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन के पूर्व कर्मचारियों से बिना ब्याज के वसूल की जाएगी। वसूली एक वर्ष तक सीमित होगी, विशेष रूप से अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक। इसके अतिरिक्त, 1 अक्टूबर, 2020 के बाद भुगतान की गई कुल मूल राशि भी उसी तर्ज पर बिना ब्याज के वसूल की जाएगी। कान्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड और हरियाणा हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन के पूर्व कर्मचारियों से वसूली के लिए लंबित कुल मूल राशि 1,46,89,690 रुपये, जो 1 अक्टूबर, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित है, माफ कर दी जाएगी। इन तीनों निगमों के किसी भी पूर्व कर्मचारी की मानदेय की पात्रता बकाया मूल राशि की वसूली तथा जिले में संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी से नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अधीन 1 अक्टूबर, 2020 से ही प्रभावी होगी।
इन तीनों निगमों के किसी भी भूतपूर्व कर्मचारी द्वारा किसी अवधि के लिए भुगतान की गई पेंशन के विरुद्ध पहले से वसूल की गई/जमा की गई सामाजिक सुरक्षा पेंशन की कोई भी राशि केवल उनकी वसूली योग्य राशि में समायोजित की जाएगी। हालांकि, किसी भी भूतपूर्व कर्मचारी द्वारा पहले से वसूल की गई/जमा की गई कोई भी अतिरिक्त राशि, चाहे वह किसी भी अवधि की हो, वापस नहीं की जाएगी। वृद्धावस्था भत्ता के तहत जारी योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी या स्थानीय/सांविधिक निकाय या किसी सरकारी या स्थानीय/सांविधिक निकाय द्वारा वित्तपोषित किसी संगठन से पेंशन प्राप्त कर रहा है, तो वह इस योजना के तहत भत्ता प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगा। परिणामस्वरूप, कान्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) और हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन के पूर्व कर्मचारी वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अपात्र थे, क्योंकि वे पहले से ही कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे थे। इसके अतिरिक्त, वे पहले से ही ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण का लाभ उठा चुके थे। राज्य सरकार ने इन तीनों निगमों के पूर्व कर्मचारियों के लिए पेंशन के स्थान पर एक निश्चित मासिक मानदेय को मंजूरी दी है, जो कर्मचारी वर्गीकरण के आधार पर 6000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति माह है, और यह हरियाणा राज्य लघु सिंचाई एवं नलकूप निगम (एचएसएमआईटीसी) के कर्मचारियों को दिए गए समान पैटर्न पर 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी है।
पंजाब नेशनल बैंक में 401 दिन की एफडी पर मिलेगा तगड़ा ब्याज
मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब नेशनल बैंक, एलसीबी शाखा, सेक्टर 17-बी को 401 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने के लिए घटनोपरांत को मंजूरी दी गई। इसमें उत्तर हरियाणा बिजली निगम की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं और लेटर ऑफ क्रेडिट सुविधा को पूरा करने के लिए 101 करोड़ रुपये की नवीनीकृत कैश क्रेडिट सीमा/डब्ल्यूसीडीएल और 300 करोड़ रुपये की नई सीमा (कुल राशि 401 करोड़ रुपये) को मंजूरी शामिल है। बिजली निगम विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत निधि आधारित और गैर-निधि आधारित कार्यशील पूंजी सीमाओं का उपयोग करके अपने दैनिक कार्यों का प्रबंधन करता है। बिजली खरीद भुगतान में वृद्धि और बिजली मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार बिजली आपूर्तिकर्ताओं/जनरेटरों के पक्ष में क्रेडिट पत्र (एलसी) सुविधा प्रदान करने के लिए, यूएचबीवीएनएल को नई क्रेडिट सुविधा/लेटर ऑफ क्रेडिट की आवश्यकता है। यूएचबीवीएनएल एक राज्य स्वामित्व वाला बिजली वितरण निगम है।जो हरियाणा के 10 उत्तरी जिलों में उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करता है। इसकी उपयोगिता का संचालन हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
बाबा श्री खाटू श्याम चुलकाना धाम पूजा स्थल बोर्ड की होगी स्थापना
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा बाबा श्री खाटू श्याम चुलकाना धाम पूजा स्थल विधेयक, 2025 के मसौदे को मंजूरी दी गई। विधेयक का उद्देश्य तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना तथा तीर्थ स्थल की परिसंपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड, पंचकूला, श्री माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड, गुरुग्राम, श्री कपाल मोचन, श्री बद्री नारायण, श्री मन्तरा देवी और श्री केदारनाथ पूजा स्थल बोर्ड, यमुनानगर की स्थापना करके विभिन्न पूजा स्थलों का प्रबंधन अपने अधिकार क्षेत्र में लिया है। हरियाणा एवं पड़ोसी राज्यों से लाखों भक्त/श्रद्धालु भगवान के दर्शनों हेतु प्रतिवर्ष मंदिर में आते हैं। श्री श्याम बाबा के धाम में प्रत्येक एकादशी को जागरण एवं फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी व द्वादशी को प्रतिवर्ष मेले आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु सुख-समृद्धि के लिए भगवान के दर्शनों के लिए आते हैं।