-जटिल सर्जरी में बेहद फायदेमंद एवं सुरक्षित साबित हो रही रोबोट तकनीक
तहलका जज्बा / दीपा राणा
फरीदाबाद। मैरिंगो एशिया अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने 126 किलोग्राम वजन की 40 वर्षीय नीलम (बदला हुआ नाम) नाम की महिला की बच्चेदानी और हर्निया का रोबोट तकनीक से सफल ऑपरेशन कर राहत प्रदान की है। अस्पताल हे एसोसिएट क्लीनिकल डायरेक्टर एवं हेड यूनिट-2 डॉ.श्वेता मेंदीरत्ता ने बताया कि जब महिला हमारे पास आई तो उसे एडिनोमायोसिस (बच्चेदानी में सूजन एवं रसौली) की समस्या थी। इस कारण महिला लगभग एक साल से पीरियड्स के दौरान गंभीर दर्द, अत्यधिक एवं अनियमित ब्लीडिंग की समस्या से जूझ रही थी। मरीज को दवाओं से राहत नहीं मिली। ठीक से जाँच करने पर पता चला कि मरीज की बच्चेदानी का आकार सामान्य बच्चेदानी से ज्यादा बड़ा था। हर्निया की समस्या भी थी। महिला ने अपनी बच्चेदानी को सर्जरी द्वारा निकलवाने की बात रखी तो उसे रोबोटिक तकनीक द्वारा सर्जरी कराने की सलाह दी गई। काउंसलिंग कराने पर मरीज और उसके परिजन रोबोट तकनीक द्वारा ऑपरेशन कराने के लिए सहमत हो गए। फिर रोबोट तकनीक की मदद से डॉ. श्वेता मेंदीरत्ता की देखरेख में महिला की बच्चेदानी को सावधानी से निकाल दिया, वहीं डॉ. सचिन मित्तल की देखरेख में हर्निया को भी रिपेयर कर दिया। मरीज ने अगले ही दिन से चलना-फिरना शुरू कर दिया। जल्द ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया।
मैरिंगो एशिया अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सचिन मित्तल ने बताया कि इस महिला का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 40 से ऊपर था। जो गंभीर मोटापे की केटेगरी में आता है। महिला को बच्चेदानी में समस्या के साथ नाभि के पास हर्निया की समस्या भी थी। इस मरीज की दोनों सर्जरी एक साथ करनी थी। जिसमें गर्भाशय को भी निकालना था और हर्निया को रिपेयर करना था। इसलिए दोनों सर्जरी रोबोटिक तकनीक से गईं। डॉ. श्वेता मेंदीरत्ता एवं डॉ. सचिन मित्तल ने बताया कि अगर मरीज का वजन बहुत ज्यादा होता है तो यह ऑपरेशन के बाद मरीज की रिकवरी में बाधा डाल सकता है। इसलिए मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए रोबोट तकनीक काफी फायदेमंद है। यह सुरक्षित सर्जरी है। प्रिसिशन सर्जरी में ब्लीडिंग भी कम होती है और मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है। रोबोटिक तकनीक बिना कोई गलती किए सटीक रूप से ऑपरेशन करने में मददगार है।