तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा मथुरा के पानीगांव क्षेत्र में की गई तोड़फोड़ के विरोध में चल रहे किसानों के धरना स्थल पर गुरुवार को विधान परिषद सदस्य और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। यहां किसानों द्वारा यमुना एक्सप्रेस वे जाम करने का ऐलान किया गया था। किसानों के आक्रोश को देखते हुए एमएलसी योगेश नौहवार और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी मांगों को उच्च अधिकारियों और शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद किसानों ने एक्सप्रेस वे जाम करने का फैसला वापस ले लिया। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 12 जुलाई को मथुरा के पानीगांव क्षेत्र में बने अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था। प्राधिकरण के अधिकारियों ने यहां करीब 243 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया था। इस कार्यवाही के विरोध में पानीगांव क्षेत्र के किसान एकजुट हुए और उन्होंने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
शुक्रवार को यमुना एक्सप्रेस वे जाम करने का किया था ऐलान
भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के बैनर तले चल रहे धरना स्थल से बुधवार को ऐलान किया गया कि शुक्रवार को यमुना एक्सप्रेस वे जाम किया जाएगा। किसान यमुना एक्सप्रेस वे पर अपने पशुओं को बांधेंगे। इस ऐलान के बाद एक्सप्रेस वे प्राधिकरण और मथुरा प्रशासन के हाथ पैर फूल गए थे। जिसके बाद से अधिकारी किसानों को मनाने में जुट गए थे। किसानों द्वारा किए गए ऐलान के बाद गुरुवार को मांट एसडीएम और सीओ उन्हें मनाने के लिए विधान परिषद सदस्य योगेश नौहवार के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। यहां एमएलसी योगेश नौहवार ने आक्रोशित किसानों को समझाया। एमएलसी ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके मुद्दे को वह सत्र शुरू होते ही विधान परिषद में उठाएंगे।
किसानों ने किया आंदोलन स्थगित
विधान परिषद सदस्य योगेश नौहवार के आश्वासन पर आक्रोशित किसान मान गए और उन्होंने यमुना एक्सप्रेस वे जाम करने का प्लान स्थगित कर दिया। योगेश नौहवार ने बताया कि किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया है उन्होंने सरकार और प्रशासन पर भरोसा जताया है।