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15 महीने बाद हुआ मां-बेटी का मिलन, बेटी के अपहरण के मामले में जेल में बंद है

– डीएनए मैच होने के बाद चाइल्ड लाइन ने सौंपा

तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। विगत 15 महीने से मथुरा की जिला जेल में बंद मां को आखिरकार बेटी मिल ही गई। अक्टूबर 2023 में जीआरपी पुलिस ने मां और उसके साथियों से एक बालिका बरामद की। जिसके बारे में कहा गया यह बालिका जनवरी 2023 में मथुरा जंक्शन से चोरी की गई थी। जबकि मां का कहना था जिस बच्ची को चोरी का बता रहे हैं वह उसकी बेटी है। शुक्रवार को सभी जरूरी कागजी कार्यवाही करने के बाद बाल कल्याण समिति ने चाइल्ड लाइन के कॉर्डिनेटर को बालिका को सकुशल मां के पास सुपुर्द करने के निर्देश दिए। जिसके बाद शिशु सदन की कर्मचारी और चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने बालिका को राजकीय शिशु सदन से लिया गया। जहां से सदस्य बालिका को लेकर जिला जेल पहुंचे जहां उन्होंने बालिका की मां हिना चौहान को सौंप दिया।

बेटी पाकर खुशी से झूम उठी मां
15 महीने से बेटी को पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही जिला जेल में बंद मां हिना चौहान को जब पता चला कि उसकी बेटी उसे सौंपी जाएगी। तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह पल-पल उससे मिलने के लिए तड़पती रही। गुरुवार को जब बेटी को लेकर चाइल्ड लाइन के सदस्य जिला जेल पहुंचे, तो वह खुशी से झूम उठी उसकी आंखों से आंसू निकल आए।

बेटी पर कर रही थी दो महिला दावा
मथुरा जीआरपी ने 7 जनवरी 2023 को जंक्शन से चोरी हुई एक ढाई साल की बालिका के मामले में अक्टूबर 2023 को पांच लोगों को पकड़ा था। इनके साथ मौजूद महिला हिना चौहान से एक बालिका बरामद हुई जिसको बताया गया यह वही है जो जनवरी में चोरी हुई थी। बालिका के बरामद होने के बाद पुलिस ने चोरी हुई बच्ची की मां फूलवती को बुलाया। जहां फूलवती ने बालिका को खुद का बताया था। फूलवती और हिना चौहान दोनों बेटी पर अपना अपना दावा कर रही थीं। जिसके बाद बाल कल्याण समिति ने बालिका को राजकीय शिशु सदन भेज दिया और जीआरपी ने हिना चौहान व उसके साथ पकड़े गए लोगों को जेल भेज दिया था। इस मामले में बाल कल्याण समिति ने 16 अक्टूबर 2023 को हिना चौहान और बालिका का डीएनए कराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद 24 जनवरी 2025 को मिली रिपोर्ट में बालिका का डीएनए हिना चौहान से मैच हो गया। शुक्रवार को बेटी को मां के पास सौंपने से पहले गुरुवार को बाल कल्याण समिति ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखा। जिसके माध्यम से आख्या मांगी गई कि क्या हिना चौहान बेटी को अपने साथ रखना चाहती हैं। जिस पर जेल प्रशासन ने हिना चौहान की सहमति बताई। सहमति मिलने के बाद शुक्रवार को बेटी को मां के सुपुर्द कर दिया। जेल में मां के साथ बच्चे के छह साल की उम्र तक रहने का प्रावधान है।

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