-हरियाणवी सांस्कृतिक का देश-विदेश में बजता है डंका: डा. दीपिका
तहलका जज्बा / लोकेश गुप्ता
पलवल। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक विभाग की टीम द्वारा मंगलवार को जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय पलवल में पंजीकृत पार्टी का एग्जामिनेशन किया गया और उनकी नगाड़ा विधा का बारीकी से अवलोकन करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक विभाग की टीम में कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (संगीत) डा. दीपिका, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (चित्रकला) रेणु हुड्डा, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी बिजेंद्र कुमार, तिगांव से एसोसिएट प्रोफेसर लोकेश शर्मा सहित कला एवं सांस्कृतिक विभाग की ओर से संगीतज्ञ पंकज कुमार व शमीम शामिल रहे। टीम की ओर से विभाग के अधीन पंजीकृत नगाड़ा टीम की विधा का एक-एक करके परखा गया।
हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक विभाग की टीम में कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (संगीत) डा.दीपिका ने कहा कि कला एवं सांस्कृतिक विभाग हरियाणवी सांस्कृतिक विधा को निखारने के लिए प्रतिबद्ध है। बताया कि विभाग की ओर से प्रदेश में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए समय-समय पर नगाड़ा पार्टी सहित विभिन्न सांस्कृतिक विधा में निपुण टीम का निरीक्षण किया जाता है और उनकी कला को और अधिक निखारने के लिए उनका मार्गदर्शन व सहयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणवी संस्कृति समृद्ध संस्कृति है, जिसका पूरे भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी डंका बजता है। उन्होंने कहा कि ढोल-नगाड़ा, बीन, सांग, रागनी आदि हरियाणवी संस्कृति के विशेष अंग है। इस संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि हरियाणा का युवा अपनी संस्कृति से भली-भांति परिचित हो।
देश-विदेश में प्रसिद्ध है बंचारी गांव की ढोल नगाड़ा विधा: डा. दीपिका
कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी डा. दीपिका ने कहा कि ढोल नगाड़ा बंचारी गांव की प्रसिद्ध विधा है जो देश-विदेश में प्रसिद्ध है। हरियाणा सरकार की ओर से युवाओं को हरियाणवी संस्कृति से परिचित करवाने के लिए सरकार की ओर से सराहनीय पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से हरियाणा की विभिन्न प्रकार को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जाता है, जिनमें हरियाणवी संस्कृति की झलक स्पष्ट देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी में अपने देश व प्रदेश की लोक संस्कृति के प्रति जागृति आ रही है। इन आयोजनों से न केवल शहरों में रहने वाला युवा वर्ग हरियाणवी संस्कृति से परिचित होगा, बल्कि संस्कृति से जुडक़र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक भी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूचना,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग के मार्गदर्शन में समय-समय पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।