तहलका जज्बा / दीपा राणा
फरीदाबाद। सोमवार तड़के मौसम ने राहत भरा रुख दिखाया और भीषण गर्मी से परेशान लोगों को मूसलाधार बारिश ने राहत दी। लेकिन यह राहत कुछ ही देर में मुसीबत में बदल गई, जब शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव, पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई बारिश के साथ तेज हवा और बादलों की गड़गड़ाहट ने पूरे शहर को प्रभावित किया। एनआईटी, बल्लभगढ़, सेक्टर-15, ओल्ड फरीदाबाद सहित कई इलाकों में जोरदार बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में गिरावट आई और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली।

पेड़ गिरे, वाहन क्षतिग्रस्त, बिजली सप्लाई बाधित
तेज हवाओं के चलते कई जगहों पर पेड़ गिर गए। सेक्टर-16 ए में एक बड़ा पेड़ गिरने से वहां खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। एनआईटी और ओल्ड फरीदाबाद समेत कई कॉलोनियों में लोगों को घंटों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। लगातार हो रही बारिश के चलते बिजली मरम्मत कार्य में भी देरी हुई, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। फिलहाल बिजली विभाग की टीमें आपूर्ति बहाल करने में जुटी हुई हैं और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में काम तेजी से किया जा रहा है।

जलभराव से थमी रफ्तार, यात्री हुए परेशान
सेक्टर-22 और 23 की सड़कें बारिश के बाद पूरी तरह पानी से लबालब हो गई, जिससे कई वाहन बंद हो गए और लोग घंटों फंसे रहे। दफ्तर जाने वालों को खासा संघर्ष करना पड़ा। बल्लभगढ़ बस अड्डे परिसर में भी पानी भर गया, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा झेलनी पड़ी। नेशनल हाईवे सहित शहर के प्रमुख मार्गों पर जलभराव के चलते ट्रैफिक की रफ्तार कछुए की चाल जैसी हो गई। जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रही और वाहन रेंगते नजर आए। खासकर सुबह के व्यस्त समय में लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे। इसके अलावा, डबुआ कॉलोनी, 60 फुट रोड, जवाहर कॉलोनी, संजय कॉलोनी, पर्वतीय कॉलोनी, प्रेस कॉलोनी, गढ़ी मोहल्ला, सेक्टर-12, 16, 7, 8, 9, 10, 18 और 19 जैसे इलाकों में भी कुछ समय के लिए जलभराव की स्थिति बनी रही। हालांकि प्रशासन की ओर से पानी की निकासी शुरू होते ही हालात धीरे-धीरे सामान्य हो गए।
प्रशासन की ओर से राहत कार्य शुरू
बारिश के बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए नगर निगम की टीमें जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी के लिए पंपों की मदद से काम में जुटी हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि सबसे अधिक प्रभावित इलाकों को चिन्हित कर वहां प्राथमिकता के आधार पर राहत कार्य किए जा रहे हैं। प्रशासन का दावा है कि जल निकासी कार्य को पूरी निगरानी के साथ अंजाम दिया जा रहा है, ताकि यातायात व्यवस्था सामान्य हो सके और लोगों को जल्द से जल्द राहत मिले।
किसानों के लिए वरदान, शहरवासियों के लिए मुसीबत
जहां यह बारिश शहरवासियों के लिए जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती जैसी परेशानियां लेकर आई, वहीं किसानों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं रही। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश खरीफ फसलों की बुआई के लिए बेहद अनुकूल समय पर हुई है। बारिश के कारण ज्वार, बाजरा और अन्य फसलें जो सूखने की कगार पर थीं, उन्हें नई जिंदगी मिल गई है। खेतों में नमी बढ़ने से बुआई कार्य समय पर हो सकेगा, जिससे फसलों की उत्पादकता पर सकारात्मक असर पड़ेगा। किसानों को लंबे समय से ऐसी ही झमाझम बारिश का इंतजार था। खेती-किसानी से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में भी ऐसी बारिश बनी रही तो यह खरीफ सीजन के लिए फायदेमंद साबित होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई पर निर्भरता भी घटेगी। वहीं शहरी क्षेत्रों में जलभराव, ट्रैफिक जाम, पेड़ गिरने और बिजली कटौती से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कहां कितनी हुई बारिश?
मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को सबसे अधिक बारिश तिगांव में 35 मिमी हुई। बड़खल में 27 मिमी, फरीदाबाद शहर में 22 मिमी, धौज में 20 मिमी, मोहना में 16 मिमी, गौंछी में 15 मिमी, बल्लभगढ़ में 14 मिमी और दयालपुर में 12 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।